Bihar Election 2025 : पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतर पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. सूची जारी होने के बाद जदयू को छोड़कर हर दल में असंतोष देखा जा रहा है. कांग्रेस ने अब तक 49 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है, लेकिन उसके कई उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष देखा जा रहा है. हालत ये है कि एयरपोर्ट पर ही प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया. इतना ही नहीं पार्टी के सीनियर नेताओं ने भी टिकट बंटवारे पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है और प्रदेश प्रभारी से कड़े सवाल पूछे हैं.
तारिक अनवर ने जताई नाराजगी
कांग्रेस के सांसद औऱ सीनियर नेता तारिक अनवर ने बिहार में कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर बेहद गंभीर सवाल उठाये हैं. तारिक अनवर ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी नेता गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही बरबीघा सीट से उम्मीदवार थे. वे सिर्फ 113 वोट से चुनाव हार गये थे. तारिक अनवर ने कहा कि 2020 का चुनाव मुन्ना शाही हारे नहीं बल्कि उन्हें प्रशासन और सरकार ने हरवाया था. ये जगजाहिर है, लेकिन इस चुनाव में बिना कारण बताये मुन्ना शाही का टिकट काट दिया गया. उन्होंने पूछा कि इस हैरान करनेवाले पीछे का क्या कारण हो सकता है.
बुरी तरह हारे हुए नेताओं को क्यों मिला टिकट
तारिक अनवर ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के कुछ उम्मीदवार 28 हजार वोट, 30 हजार वोट, 32 हजार वोट से चुनाव हार गये थे. उन्हें फिर से 2025 के चुनाव में कांग्रेस का टिकट मिल गया है. उन्हें फिर से मैदान में उतारने का क्या कारण हो सकता है. जो बड़े अंतर से चुनाव हारे उन्हें फिर से टिकट मिल गया है. जबकि महत 100-200 वोट से हार जानेवाले को टिकट नहीं दिया गया. तारिक ने जिम्मेदार लोगों पर सवाल खड़े करते हुए टिकट देने में दूसरे कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पार्टी को इन कारणों का खुलासा करना चाहिए. दरअसल कांग्रेस का नेतृत्व सिर्फ अल्लावरू की ही बातें सुन रहा है. इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
कृष्णा अल्लावरू निशाने पर
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू सबके निशाने पर हैं. पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में उनसे गाली-गलौज का वीडियो भी सामने आया था. कांग्रेसी नेताओं का एक वर्ग अब ये कहने लगा है कि बिहार में पार्टी के सुपर बॉस बना दिये गये कृष्णा अल्लावरू के कारण पार्टी को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है. दशकों से कांग्रेस के भरोसेमंद सहयोगी आरजेडी से भी पार्टी का रिश्ता खराब हुआ. इसके पीछे भी कृष्णा अल्लावरू ही जिम्मेवार हैं. बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के पास कुछ वर्षों का राजनीतिक अनुभव है. उससे पहले वे कॉरपोरेट कंपनियों में काम करते थे. लेकिन उन्हें बिहार जैसे अहम राज्य का प्रभारी बना दिया गया है.
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