Bihar Election 2025 : पटना. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जदयू को तगड़ा झटका लगा है. जदयू के दो कद्दावर नेताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. कुशवाहा जाति से आनेवाले दोनों नेताओं के राजद में जाने की संभावना है. पूर्णिया के पूर्व सांसद और नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जानेवाले संतोष कुशवाहा ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. संतोष कुशवाहा आज अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राजद में ज्वाइन करेंगे. जदयू के एक अन्य नेता अजय कुशवाहा ने भी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. दोनों नेताओं को तेजस्वी यादव खुद पार्टी की सदस्यता दिला सकते हैं.
पूर्णिया इलाके में है संतोष का बड़ा जनाधार
संतोष कुशवाहा पूर्वी बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. पिछले कुछ दिनों से वे पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे. उन्हें संगठन में दरकिनार किया जा रहा था. ऐसे में उन्होंने जदयू से नाता तोड़ने का मन बना लिया. पूर्णिया और उसके आसपास के इलाकों में संतोष कुशवाहा का जनाधार मजबूत है. पूर्णिया, किशनगंज और अररिया में उनकी पकड़ मजबूत रही है. चुनाव से ठीक पहले उनके पार्टी छोड़ने से जदयू को चुनावी समीकरणों में नुकसान हो सकता है. संतोष कुशवाहा को अपने पाले में लाकर तेजस्वी यादव अब इस इलाके में और मजबूत होंगे. हालांकि इस इलाके में महागठबंधन पहले से ही अपनी स्थिति मजबूत कर रखी है.
11 माह पहले थामा था जदयू का दामन
जदयू नेता अजय कुशवाहा ने भी पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया है. अजय कुशवाहा पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में थे. 11 माह पहले ही अजय कुशवाहा जदयू का दामन थामे थे. जदयू के महासचिव अशोक चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्ता दिलायी थी. उस वक्त से कहा जा रहा था कि पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में उतार सकती है, लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने जदयू की प्राथमिक सदस्ता से इस्तीफा दे दिया है. अजय कुशवाहा के राजद में जाने की बात कही जा रही है. एक साथ दो कुशवाहा समाज के नेता का पार्टी से इस्तीफा जदयू और नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
जदयू छोड़ रहे पिछड़ी जाति के नेता
जदयू में नेताओं का पलायन सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. पार्टी के कई दिग्गज नेता नीतीश कुमार का साथ छोड़ चुके हैं. पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दिया है. जदयू छोड़कर वो राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये. उन्होंने जदयू पर हमला करते हुए कहा,” जदयू अब अतिपिछड़ों की पार्टी नहीं रह गई है. JDU में अब अतिपिछड़े समाज के लोगों का कोई सम्मान नहीं बचा है. JDU में अतिपिछड़ों की अनदेखी हो रही है.”

