Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और व्यावहारिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने गुरुवार को पटना स्थित एससीईआरटी (राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद) में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अब वक्त आ गया है कि अंग्रेजी को स्कूल शिक्षा में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए. अभी तक अंग्रेजी ऑप्शनल के रूप में पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि चाहे एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हो या मैनेजमेंट, हर क्षेत्र में अंग्रेज़ी की अहम भूमिका है, और इससे वंचित रखना बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय होगा.
हर जिले में बनेगा एक मॉडल स्कूल
मंत्री ने निर्देश दिया कि एससीईआरटी और शिक्षा विभाग मिलकर हर जिले में एक मॉडल स्कूल तैयार करें, जहां उत्कृष्ट शिक्षक, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और छठी से आठवीं कक्षा तक कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो. साथ ही, छात्रों को देश के अन्य राज्यों का परिभ्रमण भी कराया जाएगा ताकि वे विभिन्न संस्कृतियों और इतिहास से अवगत हो सकें.
स्कूलों में अब टैब से उपस्थिति, होगी इंटेलिजेंस जांच
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों को एक-एक टैबलेट दिया जाएगा, जो ई-शिक्षा कोष पोर्टल से जुड़ा होगा. इसमें बच्चों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति फोटो के साथ दर्ज की जाएगी. फर्जी उपस्थिति पर इंटेलिजेंस स्तर की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्कूलों के निरीक्षण में फोटो और डायरी मिलान भी किया जाएगा.
गर्मी की छुट्टी के बाद होमवर्क की होगी समीक्षा
23 जून को स्कूल खुलने के साथ ही शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे बच्चों के होमवर्क की समीक्षा करें और अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी में बच्चों की प्रगति की जानकारी दें. इसके अलावा, हर स्कूल में एक शैक्षणिक डायरी रखी जाएगी जिसमें शिक्षण कार्य की नियमित प्रविष्टि की जाएगी. निरीक्षण के दौरान इस डायरी की भी जांच होगी.
विधानसभा चुनाव से पहले पाठ्यक्रम पूरा करने का निर्देश
राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि समय पर पाठ्यक्रम पूरा किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया से शिक्षण कार्य प्रभावित न हो. कार्यशाला में शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव, परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. उदय कुमार उज्ज्वल समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. शिक्षा व्यवस्था में यह बदलाव बिहार में सरकारी स्कूलों को एक नई दिशा देने की पहल मानी जा रही है.
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