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Bihar Economic Survey: उद्यमियों को भाया बिहार, औद्योगिक निवेश में लगायी लंबी छलांग

Bihar Economic Survey: आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार संबंधित समयावधि में 769 चालू औद्योगिक इकाइयों में कुल निवेश 8464.35 करोड़ था. जिसमें 31749 श्रमिकों को रोजगार मिला. बिहार में खाद्य प्रसंस्करण सबसे बड़ा निवेश क्षेत्र है.

Bihar Economic Survey: पटना. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-2025 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के समक्ष सितंबर 2024 तक 3752 निवेश प्रस्ताव आये हैं. इसमें कुल 75293.76 करोड़ का निवेश प्रस्तावित हैं. इससे पहले के वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 706 निवेश प्रस्ताव आये थे. इनमें कुल प्रस्तावित निवेश राशि 5642.57 करोड़ रुपये थी. इस तरह प्रस्तावित निवेश राशि में अप्रत्याशित इजाफा दर्ज की किया गया है. यह आंकड़े बताते हैँ कि राज्य में औद्योगिक निवेश का माहौल बेहद उत्साहजनक है.

खाद्य प्रसंस्करण सबसे ज्यादा निवेश

आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार संबंधित समयावधि में 769 चालू औद्योगिक इकाइयों में कुल निवेश 8464.35 करोड़ था. जिसमें 31749 श्रमिकों को रोजगार मिला. बिहार में खाद्य प्रसंस्करण सबसे बड़ा निवेश क्षेत्र है. इसकी 353 चालू इकाइयों में सितंबर 2024 तक कुल 3517.09 करोड़ का निवेश हुआ था. वहीं इथेनॉल के उत्पादन के लिए प्रस्तावित निवेश 30747 करोड़ से अधिक का था. यह कुल प्रस्तावित निवेश का 41 प्रतिशत है. नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में कुल 10613.20 करोड़ के 75 निवेश प्रस्ताव आये हैं.

विशेष तथ्य

  • बिआडा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-2023 से 2024-2025 में सितंबर 2024 तक उद्योगों में कुल निवेश 3.5 गुना बढ़ा
  • लघु उद्योगों में 2022-2023 की तुलना में 2023-2024 में छह गुना निवेश आकर्षित हुआ
    -राज्य में कुल रोजगार सृजन में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत रही.
  • वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 के बीच उद्यमों में कुल रोजगार सृजन 2.6 गुना बढ़ा है.

प्रति कारखाना स्थिर पूंजी में इजाफा

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार औद्योगिक उत्पादन के नजरिये से बिहार का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों से संतोषजनक रहा है. प्रति कारखाना स्थिर पूंजी भी काफी बढ़ी है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में प्रति कारखाना स्थिर पूंजी 607.1 लाख रुपये से बढ़ कर 2022-2023 में 966.1 लाख रुपये हो गयी है. इस तरह एक वर्ष में प्रति कारखाना पूंजी में 59.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

बिहार में शहरीकरण ने पकड़ी रफ्तार

पटना. 2021 में शहरी निकायों के पुनर्गठन के बाद शहरी आबादी 3.85 लाख से अधिक बढ़ गयी है. इस दौरान 141 ग्राम पंचायत में से 116 को नगर पंचायत में जबकि 25 को नगर परिषद में शामिल किया गया. वहीं, एक नगर पंचायत को पूरी तरह से नगर निगम में उत्क्रमित कर दिया गया. इसके साथ ही 09 नगर परिषद और 111 नगर पंचायतों का नये सिरे से निर्माण किया गया है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक वर्तमान में 19 नगर निगमों में 66.1 लाख, 88 नगर परिषद में 58.4 लाख और 154 नगर पंचायत में 33.9 लाख की आबादी है.

शहरीकरण के विकास पर जोर

शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बीते पांच साल में 227 फीसदी बजट बढ़ाया है. 2019-20 में विभाग का बजट 3587.6 करोड़ रुपये था जो 2023-24 में 11,742.6 करोड़ रुपये पहुंच गया. राज्य के कई शहरों में विभाग की तरफ से वर्षा जलनिकासी को लेकर 1034.68 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी, सीवरेज आदि पर काम चल रहा है. राज्य के 44 तय योजना क्षेत्रों में से पटना योजना क्षेत्र के लिए जीआइएस आधारित मास्टर प्लान अधिसूचित है, जबकि 25 अन्य अधिसूचित योजना क्षेत्रों का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है. राज्य सरकार सभी जिला मुख्यालयों, एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों तथा राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए भी मास्टर प्लान तैयार कर रही है.

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