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Bihar Corona Update: सतर्क रहने पर बिहार में अगले चार महीनों में जीरो हो सकता है कोरोना का केस, लेकिन इन कारणों से बढ़ी है चिंता…

शहर के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में लगातार 10 दिनों से कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है. साथ ही इस दौरान एक भी मौत नहीं हुई है. पटना एम्स में भी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 80% तक घट गयी है. लेकिन, जीरो मामलों के लिए अभी इंतजार करना होगा. वहीं, एनएमसीएच में भी कोराेना से हो रही मौत का आंकड़ा 20 जनवरी के बाद से ही थम गया है और नये मरीज भी काफी कम अा रहे हैं. इधर, पटना एम्स में मंगलवार को कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई, जबकि एक मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली.

आनंद तिवारी, पटना: शहर के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में लगातार 10 दिनों से कोरोना का एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है. साथ ही इस दौरान एक भी मौत नहीं हुई है. पटना एम्स में भी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 80% तक घट गयी है. लेकिन, जीरो मामलों के लिए अभी इंतजार करना होगा. वहीं, एनएमसीएच में भी कोराेना से हो रही मौत का आंकड़ा 20 जनवरी के बाद से ही थम गया है और नये मरीज भी काफी कम अा रहे हैं. इधर, पटना एम्स में मंगलवार को कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई, जबकि एक मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली.

अगले तीन से चार महीनों में जीरो मामले

कोविड एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे ही बिहार में कोरोना संक्रमण नियंत्रित रहा, तो अगले तीन से चार महीनों में कोरोना का केस जीरो हो सकता है. पीएमसीएच के कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ अरुण अजय ने कहा कि पहले की तुलना में स्थिति बहुत नियंत्रण में है. यही वजह है कि पीएमसीएच में करीब डेढ़ हजार की जांच में एक भी मरीज पॉजिटिव नहीं मिल रहा है.

अलर्ट रहने की जरूरत

एक्सपर्ट की मानें, तो कोरोना का टीका लगने के बाद पॉजिटिव केस में अंतर आया है. वहीं, उम्मीद है कि आम लोगों को मार्च व अप्रैल से वैक्सीन लगनी शुरू हो जायेगी. वर्तमान में जो हालत हैं, अगर वह ऐसे ही रहे, तो तीन से चार महीनों में जीरो केस स्थिति में पटना पहुंच सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि पटना जिले में कोरोना महामारी भले नियंत्रण में दिख रही हो, लेकिन अब भी यह गया नहीं है. कई देशों में यह संक्रमण विकराल हुआ है और वहां दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा है. इसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है.

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गाइडलाइन का पालन करना जरूरी

पटना एम्स के कोविड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट यह बता रही है कि आधी से अधिक आबादी में एंटीबॉडी बन चुकी है. यह संख्या और ज्यादा हो सकती है, लेकिन अभी कहना जल्दबाजी हो सकता है, क्योंकि म्यूटेशन का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. अच्छी बात यह है कि पटना में लोग मास्क लगा रहे हैं. इसी प्रकार गाइडलाइंस का पालन होता रहा, तो हम जल्द जीरो केस भी देखेंगे. अगर संक्रमण घटाना है, तो दो गज की दूरी के साथ मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन अभी लगातार करना होगा. कोरोना से बचने के लिए यही कारगर उपाय है.

एनएमसीएच में 20 जनवरी के बाद नहीं हुई कोरोना से मौत

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 जनवरी के बाद किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. फिलहाल अस्पताल में चार संक्रमित मरीज भर्ती हैं. इनमें दो सोमवार को भर्ती किये गये हैं. वहीं, मंगलवार को 294 सैंपलों की जांच में एकमात्र संक्रमित मरीज मिला है. गौरतलब है कि यहां एक मई, 2020 से अब तक 209 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है.

पटना जिले का का आंकड़ा

तारीख -नये मरीज

16 फरवरी- 21

15 फरवरी -13

14 फरवरी -23

13 फरवरी -16

12 फरवरी -20

11 फरवरी -27

10 फरवरी -9

एक नजर बिहार में कोरोना का आंकड़ा

– बिहार में 99.20% हो चुकी है रिकवरी दर

– 2,61,841 केस पॉजिटिव पाये गये हैं अब तक

– 2,59,748 मरीज ठीक हो चुके हैं अब तक

– 564 कोरोना मरीज ही हैं एक्टिव हैं वर्तमान में

– 1528 कोरोना मरीजों की हो चुकी है मौत अब तक

तीन जिलों में एक भी एक्टिव केस नहीं

सुपौल

खगड़िया

शेखपुरा

Posted By: Thakur Shaktilochan

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