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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक? एग्जाम से पहले अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर आ गया था आंसर

कंकड़बाग थाने की पुलिस ने अशोक नगर रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान रविवार को गिरफ्तार किया था. जबकि रामकृष्णा नगर थाने की पुलिस ने पटना कान्वेंट स्कूल से तीन अभ्यर्थियों और तीन सॉल्वरों को पकड़ा था.

बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र का आंसर परीक्षा शुरू होने के पहले ही अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर आ गया था. परीक्षा माफियाओं ने प्रश्न पत्र भेजने के बजाये उसे सॉल्व कर अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर भेज दिया था. इसके बाद उस आंसर को लेकर अभ्यर्थी सकसोहरा निवासी रंजन कुमार, दुल्हिन बाजार निवासी विमल व मोनू, बख्तियारपुर निवासी रजनीश कुमार, मनेर निवासी अरविंद कुमार और मसौढ़ी निवासी रौशन कुमार परीक्षा केंद्र पर गये और कदाचार करते हुए पकड़ लिये गये. कंकड़बाग पुलिस ने गिरफ्तार छह अभ्यर्थियों में से मोनू व रजनीश के मोबाइल फोन के साथ ही एक अन्य का मोबाइल फोन सोमवार को जब्त कर लिया. इसमें मोनू व रजनीश के मोबाइल फोन में आंसर परीक्षा दो बजे दिन से शुरू होने से पहले ही करीब 1.30 बजे मिल गये थे. जबकि एक मोबाइल फोन में आंसर को डिलीट कर दिया गया है. इन दोनों के मोबाइल फोन में मिले अधिकांश आंसर परीक्षा में पूछे गये प्रश्न से मैच कर गये हैं. जिससे यह संभावना जतायी जा रही है कि प्रश्न पत्र परीक्षा माफियाओं के पास एक-दो दिन पहले ही पहुंच गये थे. हालांकि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि प्रश्न पत्र लीक हुआ था या नहीं?

गिरफ्तार आरोपियों को भेज दिया गया है जेल

बता दें कि कंकड़बाग थाने की पुलिस ने अशोक नगर रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान रविवार को गिरफ्तार किया था. जबकि रामकृष्णा नगर थाने की पुलिस ने पटना कान्वेंट स्कूल से तीन अभ्यर्थियों और तीन सॉल्वरों को पकड़ा था. इधर, सभी को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. सिटी एसपी पूर्वी ने बताया कि जांच जारी है. सभी को जेल भेज दिया गया है.

सिटी एसपी पूर्वी के साथ ही सीएसबीसी के इंस्पेक्टर भी पहुंचे जांच करने

अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच करने के लिए सिटी एसपी पूर्वी संदीप सिंह के अलावा सीएसबीसी (सेंट्रल सेलेक्शन बोर्ड ऑफ कांस्टेबल) के इंस्पेक्टर निगम कुमार भी अपनी टीम के साथ पहुंचे. सिटी एसपी संदीप सिंह ने सभी अभ्यर्थियों से पूछताछ की. जिसमें वे कुछ विशेष जानकारी नहीं दे पाये. सीएसबीसी की टीम ने कंकड़बाग थाना पुलिस से गिरफ्तारी और कुछ कागजातों की छायाप्रति जांच के लिए ली. सूत्रों के अनुसार, पुलिस का कहना था कि अधिकांश प्रश्न का आंसर मैच कर गये हैॅं. जबकि कंकड़बाग थाने में मौजूद सीएसबीसी के अधिकारियों ने केवल यह बताया कि जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. प्रश्न गेस भी किये जा सकते हैं.

अभ्यर्थी के नाम से सॉल्वरों ने तैयार किया अपना डिटेल

सिपाही बहाली में परीक्षा माफिआओं ने काफी चालाकी से अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए तैयारी की थी. रामकृष्णा नगर थाना पुलिस द्वारा पकड़े गये सॉल्वरों ने अभ्यर्थियों के नाम से ही अपना भी दस्तावेज तैयार किया था और उसी नाम व पते से आवेदन फॉर्म भर दिया था. जिसके कारण उनका सीट भी अभ्यर्थी के आगे-पीछे ही आया. इसके बाद वे अभ्यर्थियों को नकल करा रहे थे. लेकिन फिर भी पकड़ लिये गये. रामकृष्णानगर थाने की पुलिस ने अभ्यर्थी मनीष, अविनाश, श्याम व गुड्डु को गिरफ्तार किया है. जबकि सॉल्वरों के पास से जो एडमिट कार्ड मिले हैं, उसमें भी मनीष, अविनाश, श्याम व गुड्डु ही लिखा हुआ है. जबकि मनीष का असली नाम पप्पू कुमार, अविनाश का अशोक राम, श्याम का नीतीश कुमार व गुड्डु का छोटे लाल है.

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यूपी और हरियाणा से भी जुड़े हैं तार, परीक्षा माफिया मोनू शर्मा की संलिप्तता की संभावना

सूत्रों के अनुसार, आंसर के मामले में यह माना जा रहा है कि इसमें बिहार के साथ ही यूपी व हरियाणा के गिरोह भी शामिल हैं. इन लोगों ने हर अभ्यर्थियों से मोटी रकम में परीक्षा पास कराने की गारंटी ली है. यह पहले भी हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के झझर निवासी मोनू शर्मा ही गिरोह का मास्टरमाइंड है. साथ ही खुसरूपुर निवासी राकेश व दानापुर निवासी संजय के भी सिपाही बहाली में गड़बड़ी करने में संलिप्तता सामने आ रही है. राकेश, संजय व मोनू कई परीक्षाओं में सेटिंग का काम कर चुके हैं. जिसके कारण इन तीनों पर ही शक जा रहा है. सूत्रों का यह भी कहना है कि दस से 15 लाख में सिपाही बहाली की लिखित परीक्षा पास कराने में अभ्यर्थियों से सेटिंग हुई थी. जिसमें से दो लाख एडवांस के रूप में भी लिया जा चुका है. पुलिस गिरफ्तार तमाम अभ्यर्थियों को रिमांड पर लेगी तो सारी सच्चाई सामने आ जायेगी.

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सिपाही भर्ती परीक्षा में कहीं से कोई पेपर नहीं हुआ लीक : सिंघल

केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंघल ने सोमवार को कहा कि रविवार को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में बिहार के किसी भी केंद्र से कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. जिला प्रशासन की मुस्तैदी में सभी जिलों में स्वच्छ व कदाचार रहित परीक्षा आयोजित की गयी. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों के अंदर किसी तरह का कदाचार नहीं हुआ. पूरी परीक्षा के दौरान 100 से अधिक अभ्यर्थी व उनके सहयोगियों को कदाचार का प्रयास करते पकड़ा गया. कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए. माफिया की तरह सक्रिय कई गैंगों ने कदाचार का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे. अभ्यर्थियों व उनके अभिभावकों को सलाह देते हुए पर्षद और अपने बच्चे की प्रतिभा पर विश्वास बनाये रखें.

कंकड़बाग के रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से आंसर की के साथ गिरफ्तार अभ्यर्थियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ ही पर्षद की टीम ने भी इस मामले की जांच की है. जांच में पाया गया कि इन परीक्षार्थियों को लगभग परीक्षा खत्म होने के समय पकड़ा गया. बरामद आंसर की में दिये गये उत्तर भी सीरियल नंबर के अनुसार नहीं थे. गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने पूछताछ में भी बताया है कि चोरी करने की नीयत से वे आंसर लिख कर लाये थे.

इओयू की जांच पर उन्होंने कहा कि संगठित रूप से अपराध की आशंका को देखते हुए इकाई ने अनुसंधान शुरू किया है. अनुसंधान में जो चीज भी निकल कर आयेगी, उसके आधार पर और अच्छा काम किया जायेगा.

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डबल फॉर्म भरने वाले आठ अभ्यर्थियों को ट्रैप कर दबोचा

केंद्रीय चयन पर्षद के विशेष कार्य पदाधिकारी राज किशोर बैठा ने बताया कि आवेदन के दौरान 105 फॉर्म ऐसे मिले, जो डबल थे. इनमें अभ्यर्थियों का फोटो, नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि एक थी, लेकिन आवास प्रमाण पत्र और मोबाइल नंबर अलग-अलग था. पर्षद ने फर्जीवाड़ा करने वालों सभी लोगों को ट्रैप करने के लिए पटना के रामकृष्णा नगर भूपतिपुर स्थित पटना कॉन्वेंट स्कूल में परीक्षा केंद्र बनाया था. इस दौरान उपस्थित हुए आठ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 97 अनुपस्थित रहे. गिरफ्तार फर्जी अभ्यर्थी अविनाश कुमार, मनीष कुमार, गुडडू कुमार गुप्ता एवं श्याम कुमार के बदले परीक्षा देते हुए पकड़े गये.

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