Bihar Congress News: बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच रिश्तों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और महागठबंधन की इन दोनों पार्टियों पर सबकी नजरें रहेंगी. हाल में ही कांग्रेस ने नए प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी की नियुक्ति बिहार में की है. कांग्रेस के तेवर भी इन दिनों बदले हुए दिख रहे हैं. इस बीच दिल्ली में बिहार कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने चुनाव को लेकर अहम बैठक की. इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिाकर्जुन खरगे भी शामिल हुए. राजद के साथ चुनावी मैदान में उतरने की बात तय हुई. लेकिन महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री फेस कौन होगा. इसे लेकर फिर एक नयी थ्योरी सामने आयी है.
कांग्रेस ने क्या तय किया?
बिहार कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने एकमत होकर यह कहा कि बिहार में अभी गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ने की जरूरत है. लेकिन उन्होंने यह भी सलाह दे दी कि इसके लिए जो भी नीति तैयार की जाए उसमें लेट ना हो. चुनाव नजदीक आने पर नहीं बल्कि अभी ही तमाम नीति तय हो जानी चाहिए.
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कौन होगा सीएम फेस?
महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर अभी कांग्रेस में खामोशी है. प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने अपने बयान में कहा कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा तय किया जाएगा. इस मुद्दे पर कांग्रेस के सीनियर नेता अजीत शर्मा का एक बयान भी तब सुर्खियों में रहा जब उन्होंने यह कह दिया था कि महागठबंधन की सरकार अगर बनी तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला सोनिया गांधी और राहुल गांधी करेंगे. अजीत शर्मा के इस बयान पर राजद ने हमला भी बोला था.
सीट शेयरिंग को लेकर क्या बात हुई?
बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच सीट शेयरिंग को लेकर भी बयानबाजी चलती रही है. दिल्ली में मंगलवार को जब आलाकमान के साथ बिहार कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई तो पार्टी नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व को यह भी बताया कि कांग्रेस भले ही राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़े लेकिन पार्टी को सम्मानजनक सीट जरूर मिले. जिसपर राहुल गांधी ने कहा कि अगर गठबंधन में सम्मानजक सीट चाहते हैं तो जनता के बीच जाकर पार्टी का जनाधार बढ़ाएं. मीडिया से बातचीत में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीट शेयरिंग एक प्रक्रिया है, जो समय के साथ तय होगी.

