Prashant Kishor: बिहार चुनाव 2025 में एक भी सीट न जीत पाने के बाद प्रशांत किशोर पहली बार मीडिया के सामने आए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी हार को खुलकर स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि जनता ने उनके प्रयासों पर भरोसा नहीं किया और वे पूरी जिम्मेदारी अपने सिर ले रहे हैं. इसी प्रायश्चित के रूप में PK ने 20 नवंबर को गांधी भीतिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखने की घोषणा की है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आक्रामक दिखे PK
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान PK का अंदाज पहले से काफी आक्रामक दिखा. एक रिपोर्टर ने उनको वह दावा याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि JDU को 25 से ज्यादा सीटें मिलीं तो वे राजनीति छोड़ देंगे. इस पर PK भड़क गए और बोले- मैं कोई पद तो नहीं पकड़े बैठा हूं जिसे छोड़ दूं, मेरी बातों को इतना मत पकड़ा कीजिए. उसके बाद वे कुछ क्षणों के लिए उठकर जाने लगे, पर फिर बैठकर सवालों के जवाब देते रहे.
PK ने क्या स्वीकार किया?
PK ने स्वीकार किया कि उनकी सोच, समझाने का तरीका और रणनीति में खामियां रहीं. जिसकी वजह से जन सुराज जनता का भरोसा नहीं जीत पाया. उन्होंने कहा- हम व्यवस्था परिवर्तन तो छोड़िए, सत्ता परिवर्तन भी नहीं करा सके. कुछ गलती जरूर हुई होगी.
प्रशांत किशोर बोले- जाति या धर्म की राजनीति पर आधारित नहीं था मेरा संघर्ष
उन्होंने यह भी कहा कि उनका संघर्ष जाति या धर्म की राजनीति पर आधारित नहीं था, और जो लोग समाज को बांटकर चुनाव जीतते हैं, उन्हें जनता को जवाब देना होगा. इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी हार से व्यथित प्रशांत किशोर आत्ममंथन करते हुए नजर आए.

