Bihar Bhumi: बिहार में दो महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे राजस्व कर्मचारियों की वजह से जिले के अंचलों में जमीन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. दाखिल खारिज, परिमार्जन और म्युटेशन जैसे मामलों में हजारों फाइलें लंबित हो गई हैं. इस संकट से निपटने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है.
अब राजस्व कर्मचारियों के स्थान पर पंचायत सचिवों और अंचल अमीनों को इन कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके लिए सोमवार को पटना से जिले के समाहरणालय सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत सचिवों और अमीनों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया. विभागीय अधिकारियों ने उन्हें सॉफ्टवेयर, प्रक्रियाएं और ज़रूरी दस्तावेज़ों की जानकारी दी, ताकि वे तुरंत कार्यभार संभाल सकें.
लैपटॉप भी होंगे ट्रांसफर, सवाल-जवाब से समझाया गया काम
ट्रेनिंग सेशन के बाद अधिकारियों ने उपस्थित कर्मियों से सवाल-जवाब कर उनकी शंकाएं दूर कीं. राजस्व कर्मचारियों को दिए गए लैपटॉप भी अब पंचायत सचिवों और अमीनों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे जमीन संबंधी फाइलों का निष्पादन कर सकें.
सेवानिवृत्त कर्मियों की संविदा पर होगी बहाली
राजस्व कर्मियों की कमी को देखते हुए विभाग अब सेवानिवृत्त कर्मियों को भी संविदा पर नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है. विशेष सचिव ने सभी जिलों के समाहर्ताओं को निर्देश दिया है कि इच्छुक सेवानिवृत्त राजस्व कर्मचारी 31 मई तक अपना पेंशन प्राधिकृत पत्र और पहचान पत्र लेकर अपर समाहर्ता कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं.
मुशहरी, कांटी और मीनापुर जैसे अंचलों का प्रदर्शन बेहद कमजोर
पिछली समीक्षा में मुशहरी, कांटी, मीनापुर, कुढ़नी और मोतीपुर अंचलों का प्रदर्शन सबसे खराब पाया गया था. दाखिल खारिज मामलों में लापरवाही पर कांटी, मीनापुर, कुढ़नी और मोतीपुर के राजस्व कर्मचारियों को निलंबित किया गया था, जबकि मीनापुर के सीओ पर आर्थिक दंड भी लगाया गया था. इन अंचलों में दाखिल खारिज का निष्पादन मात्र 80% के आसपास है.
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