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सभी यूनिवर्सिटियों को लागू करना होगा यूजीसी रेगुलेशन 2025, नहीं माने, तो होगी कार्रवाई

12वीं के बाद स्टूडेंट्स स्नातक में किसी भी संकाय में एडमिशन ले सकेंगे. कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय में पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा.

संवाददाता, पटना

यूजीसी रेगुलेशन 2025 देशभर में लागू कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 के तहत तैयार यूजीसी रेगुलेशन-2025 (स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान करने के लिए अनुदेश के न्यूनतम मापदंड) की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. 12वीं के बाद स्टूडेंट्स स्नातक में किसी भी संकाय में एडमिशन ले सकेंगे. कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय में पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा. विद्यार्थी सीयूइटी यूजी या विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर उनकी मेरिट के आधार पर पसंद का संकाय चुन सकेंगे. नियमित पाठ्यक्रम के विषयों के साथ वे रोजगारपरक विषय भी ले सकते हैं. उन्हें कोई भी विषय या डिग्री चुनने का विकल्प मिलेगा. मूल्यांकन अब लिखित परीक्षा, सेमिनार, प्रेजेंटेशन, क्लास परफॉर्मेंस, फील्डवर्क के आधार पर होगा. 2025 से बौद्धिक क्षमता के आधार पर स्टूडेंट्स को डिग्री पूरी करने का मौका होगा. पहले व दूसरे सेमेस्टर में प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद विकल्प मिलेगा. मेधावी स्टूडेंट्स के लिए 10 प्रतिशत सीटें रिजर्व रहेंगी. दीक्षांत समारोह से पहले स्टूडेंट्स को डिग्री मिल जायेगी. तीन साल की छह सेमेस्टर की डिग्री पांच सेमेस्टर में कर सकेंगे. चार वर्ष की आठ सेमेस्टर की डिग्री छह या सात सेमेस्टर में पूरी कर सकते हैं. अभी तक दो या तीन विषयों में फेल स्टूडेंट्स की मार्कशीट में दोबारा परीक्षा में शामिल होना लिखा रहता था, लेकिन अब नहीं लिखा रहेगा.

प्रमुख बदलाव

छात्र ने लेवल चार या 12वीं की पढ़ाई (रेगुलर या ओपन स्कूल) की होगी, तो वह अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम या फिर इंटीग्रेटेड अंडरग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम में दाखिला ले सकता है. छात्र यूजी में किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते हैं. उससे पहले उन्हें सीयूइटी यूजी या संबंधित विवि की प्रवेश परीक्षा में पास करनी होगी. कोई भी छात्र यूजी और पीजी प्रोग्राम में अलग-अलग दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन करिकुलम एंड क्रेडिड फ्रेमवर्क यूजीसी का और दो शैक्षणिक कार्यक्रम में पढ़ाई का मानक पूरे होने पर. तीन वर्ष की यूजी के बाद पीजी दो साल तो चार वर्ष (ऑनर्स और रिसर्च) वालों के लिए पीजी एक साल का होगा.

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