Aaj Bihar ka Mausam: बिहार इन दिनों मॉनसून के अंतिम लेकिन सबसे विकराल दौर से गुजर रहा है, उत्तर बिहार में भारी बारिश और वज्रपात ने हालात को बेकाबू कर दिया है. मौसम विभाग ने 10 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, पटना समेत पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट है.
पिछले तीन दिनों से जारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है—कहीं सड़कें तालाब बन गई हैं तो कहीं थानों में पानी भर गया है. बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और सक्रिय कम दबाव क्षेत्र ने पूरे प्रदेश को गरज-चमक और मूसलाधार बारिश के घेरे में ले लिया है. अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और अगले कुछ दिनों तक राहत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही.
उत्तर बिहार में बारिश का रेड अलर्ट, पटना में भी आज भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर बिहार के जिन जिलों में रेड अलर्ट है, वहां अगले 24 घंटे में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है. इनमें मधुबनी, सुपौल और अररिया जैसे जिले शामिल हैं,रविवार को भी अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा में अति भारी जबकि कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर और खगड़िया में भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
पटना में भी हालात चिंताजनक हैं. शनिवार से लगातार रुक-रुककर तेज बारिश हो रही है. धूप को देखे 48 घंटे बीत चुके हैं. तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री नीचे चला गया है. हवा में नमी 85% से अधिक दर्ज की गई है. अगले 24 घंटे तक मध्यम से भारी बारिश और तेज हवा का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है.
वज्रपात और आंधी से अब तक 10 मौतें, कई घायल
राज्य में शनिवार को बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली की चपेट में आकर 10 लोगों की जान चली गई. आपदा विभाग के अनुसार, वैशाली, रोहतास और मुजफ्फरपुर में आंधी-तूफान की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई. पश्चिम चंपारण में दो, भोजपुर, जहानाबाद और किशनगंज में एक-एक और अरवल में दो लोगों की मौत वज्रपात से हुई. इसके अलावा 13 लोग घायल हुए हैं.
जहानाबाद में तीन, बेतिया में दो, और नालंदा, खगड़िया, किशनगंज व गोपालगंज में एक-एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली से दर्ज की गई. सहरसा में तेज आंधी के बाद पेड़ गिरने से एक वार्ड पार्षद सदस्य की मौत हो गई.
बेतिया में सड़कें बनीं तालाब, गोपालगंज में एंबुलेंस डूबी
बारिश का सबसे भयावह असर बेतिया में देखा गया. शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद पूरा शहर पानी में डूब गया. गली-मोहल्लों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया. सैकड़ों बिजली के पोल उखड़ गए. हाइवे पर तीन फीट तक पानी भरने से यातायात ठप हो गया. यहां वज्रपात से मां-बेटी की मौत की दर्दनाक घटना सामने आई.
गोपालगंज में लाइन बाजार हॉल्ट के पास रेलवे क्रॉसिंग पर मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस पानी में फंसकर डूब गई. स्थानीय लोगों ने मरीज और ड्राइवर को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला. मकसूदपुर गांव के पास नहर का बांध टूट गया, जिससे खेतों में पानी भर गया.
थाने डूबे, मकान गिरे, बिजली गुल — कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
सुपौल में बारिश के बाद कई थानों में पानी घुस गया. बैरक और दरोगा के चैंबर तक में पानी भर गया. रोहतास में बारिश के बाद 15 मकान गिर गए और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. छपरा में आठ घंटे की बारिश ने बिजली व्यवस्था को चरमरा दिया — 12 घंटे से अधिक समय तक सप्लाई बाधित रही. सहरसा में तेज आंधी से झोपड़ियां उड़ गईं और सड़कों पर पानी भर गया. शिवहर में बारिश के बाद कई घरों की छतें गिर गईं, जबकि बक्सर के केसठ प्रखंड में आकाशीय बिजली गिरने से कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा.
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव सक्रिय, 8 अक्टूबर तक बरसेगी आफत
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है और मानसूनी हवाएं बिहार की ओर बह रही हैं. इसी कारण राज्य भर में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की स्थिति बनी हुई है. यह सिलसिला 6 से 8 अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है. इसके बाद बारिश की तीव्रता में कमी आएगी और 9 अक्टूबर से कई जिलों में मौसम साफ होने लगेगा. मध्य अक्टूबर तक मॉनसून की वापसी भी संभव है.
प्रशासन अलर्ट पर, निचले इलाकों में विशेष निगरानी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रेड अलर्ट वाले जिलों में जलभराव और नदियों के उफान की स्थिति बन सकती है. प्रशासन को सतर्क रहने और निचले इलाकों पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है. लोगों से अपील की गई है कि वे बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले मैदानों से दूर रहें.

