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बुद्ध पूर्णिमा : बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री नीतीश ने भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की

पटना : बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की. पटना स्थित राजभवन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष राज्यपाल राम नाथ कोविन्द एवं उनकी पत्नी सविता कोविन्द ने पूजा-आराधना की। बोधगया से आए भन्तों ने राज्यपाल से पूजा-अर्चना कराई. इस […]

पटना : बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की. पटना स्थित राजभवन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष राज्यपाल राम नाथ कोविन्द एवं उनकी पत्नी सविता कोविन्द ने पूजा-आराधना की। बोधगया से आए भन्तों ने राज्यपाल से पूजा-अर्चना कराई. इस अवसर पर राज्यपाल ने बिहारवासियों की सुख-समृद्धि एवं उन्नति की कामना की. बाद में राज्यपाल बोधगया में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने गया प्रस्थान कर गये.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान बुद्ध की 2561वीं जयंती के अवसर पर आज पटना स्थित बुद्ध समृति पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान भगवान बुद्ध, बोधि वृक्ष एवं आनंद बोधि वृक्ष की पूजा अर्चना की. बौद्ध भिक्षु बौद्धानंद भंते ने मुख्यमंत्री से पूजा अर्चना कराई. नीतीश ने बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के सामने पूजा अर्चना की. उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं के साथ बैठकर विश्व शांति के लिए मंगल कामना की तथा राज्य एवं देश के लिए समृद्धि एवं अमन-चैन की कामना की.

मुख्यमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश एवं देशवससियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दीं. उन्होंने विपश्यना केंद्र में भी जाकर साधना की. पिछले वर्ष भी यहां विपश्यना का आयोजन किया गया था. नीतीश ने कहा कि भगवान बुद्ध की 2550वीं जयंती के अवसर पर बुद्ध स्मृति पार्क के निर्माण का निर्णय लिया गया था. उस समय विपश्यना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. बाद में विपश्यना के बारे में जानकारी मिली, इसके लिए बुद्ध स्मृति पार्क से बेहतर स्थल नहीं हो सकता है.

सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से विपश्यना को ध्यान में रखते हुए इसके अंदरुनी हिस्से को बनाने की कोशिश की गयी है. आज अधिकारियों द्वारा मुझे जानकारी दी गयी है कि कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. मेरी यह इच्छा और अभिलाषा है कि यहां विपश्यना का नियमित केंद्र काम करे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकों में यह लिखा हुआ है कि विपश्यना 2500 वर्ष बाद वापस आयेगा तथा उसका पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार होगा. यह काम यहां से शुरू हो, यही उनकी कामना है और वह उम्मीद करते हैं कि नियमित विपश्यना केंद्र यहां यथाशीघ्र प्रारंभ होगा और लोग उसका जरुर लाभ उठायेंगे. उन्होंने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क में भगवान बुद्ध की स्मृति में एक संग्रहालय का भी निर्माण किया गया है. बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलीपुत्र करुणा स्तूप में छह देशों से प्राप्त अवशेष रखे गये हैं. पार्क में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का भी प्रतिस्थापन किया गया है.

नीतीश ने कहा कि यहां पर पूर्व में बोधगया का बोधि वृक्ष तथा श्रीलंका के अनुराधापुरम से लाया गया बोधि वृक्ष लगाया गया था. उन्होंने कहा कि इस वर्ष दलाई लामा का आगमन कालचक्र पूजा के सिलसिले में हुआ. उसी वक्त श्रावस्ती से लाए गए आनंद बोधि वृक्ष का भी रोपण किया गया.

बुद्ध स्मृति पार्क में मुख्यमंत्री ने 07 निश्चय कृति-प्रतिकृति का भी अनावरण किया. साथ ही इस अवसर पर भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े घटनाक्रम से संबंधित प्रतीक चिह्न मुख्यमंत्री को भेंट किया गया.

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी, विधायक श्याम रजक, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बौद्ध भिक्षु बौद्धानन्द भंते, गया जिले के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर प्रबंध कार्यकारिणी (बीटीएमसी) से आये हुये बौद्ध भिक्षुगण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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