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पुलिस मुख्यालय तय करेगा किसे मिले बॉडीगार्ड
जिला और प्रमंडल स्तर पर गठित मौजूदा सुरक्षा समितियां भंग पटना : राज्य में माननीय से लेकर सभी स्तर के अधिकारी और किसी विशिष्ट व्यक्ति को बॉडीगार्ड मुहैया कराने से संबंधित नियम-कायदे को राज्य सरकार ने बदल दिया है. अब किसी को बॉडीगार्ड मुहैया कराने का निर्णय पुलिस मुख्यालय लेगा. इसके लिए मुख्यालय के स्तर […]
जिला और प्रमंडल स्तर पर गठित मौजूदा सुरक्षा समितियां भंग
पटना : राज्य में माननीय से लेकर सभी स्तर के अधिकारी और किसी विशिष्ट व्यक्ति को बॉडीगार्ड मुहैया कराने से संबंधित नियम-कायदे को राज्य सरकार ने बदल दिया है. अब किसी को बॉडीगार्ड मुहैया कराने का निर्णय पुलिस मुख्यालय लेगा. इसके लिए मुख्यालय के स्तर पर एक विशेष सुरक्षा समिति गठित की गयी है, जिसकी अनुशंसा के बाद ही किसी को बॉडीगार्ड मिलेगा.
संबंधित व्यक्ति की जरूरत के आकलन के लिए 10 मानक भी तय किये गये हैं. इसके लिए वर्तमान में मौजूद जिला सुरक्षा समिति और प्रमंडलीय सुरक्षा समिति को भंग कर दिया गया है. गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. वहीं, जेड प्लस, जेड समेत अन्य श्रेणीगत सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गठित राज्य सुरक्षा समिति के स्वरूप और कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पुलिस मुख्यालय स्तर पर दो सुरक्षा समितियां
बॉडीगार्ड मुहैया कराने के लिए पुलिस मुख्यालय में आइजी (सुरक्षा) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष सुरक्षा समिति गठित की है. इसमें एसपी (सुरक्षा) और आइजी के सहायक (क्यू) को सदस्य बनाया गया है. इस समिति को यह पूरा अधिकार होगा कि किसे कितने समय के लिए सुरक्षा देनी है.
इसके अलावा डीजीपी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय केंद्रीय सुरक्षा समिति का भी गठन किया गया है, जिसमें एडीजी (विशेष शाखा) और एडीजी (विधि-व्यवस्था) को सदस्य बनाया गया है. यह कमेटी उन निर्णयों की समीक्षा करेगी, जिन्हें विशेष सुरक्षा समिति ने लिया है और जरूरत पड़ने पर इनमें बदलाव भी सकती है. अगर कोई व्यक्ति विशेष सुरक्षा समिति के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो 30 दिनों में वह केंद्रीय सुरक्षा समिति में अपील कर सकता है. जरूरत के मुताबिक किसी की सुरक्षा को केंद्रीय सुरक्षा समिति बढ़ा या घटा भी सकती है.
किसे कितने मिलेंगे बॉडीगार्ड
(क) न्यायपालिका :-
– हाइकोर्ट के जज- 2 बॉडीगार्ड अंगरक्षक व 1-4 हाउस गार्ड
– महाधिवक्ता- 1 बॉडीगार्ड
– महानिबंधक, पटना हाइकोर्ट- 1 बॉडीगार्ड
– प्रधान अपर महाधिवक्ता-1 बॉडीगार्ड
– जिला एवं सत्र न्यायाधीश- 1 बॉडीगार्ड व 1-4 हाउस गार्ड
– प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय- 1 बॉडीगार्ड
– विशेष न्यायाधीश, सीबीआइ- 1 बॉडीगार्ड
– अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश- 1 बॉडीगार्ड
– मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी- 1 बॉडीगार्ड व 1-4 हाउस गार्ड
(ख) विधानमंडल :-
– मंत्रियों को गृह विभाग की ओर से जारी वर्तमान दिशा-निर्देश के तहत ही सुरक्षा-व्यवस्था मिलेगी.
– श्रेणीगत सुरक्षा प्राप्त विशिष्ट व्यक्तियों को भी वर्तमान में निर्धारित मानदंड के तहत ही सुरक्षा मिलेगी.
– विधानमंडल के नेता विरोधी दल और उपनेता को विशेष शाखा के तहत तय संख्या में मिलेंगे बॉडीगार्ड
– सांसद- 3 बॉडीगार्ड
– विधायक- 3 बॉडीगार्ड
– विधान पार्षद- 3 बॉडीगार्ड
– पूर्व विधायक/पूर्व विधान पार्षद- 1 बॉडीगार्ड
(ग) प्रशासनिक पदाधिकारी :-
– मुख्य सचिव- 3 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व या स्कॉट
– मुख्य सचिव पंक्ति के पदाधिकारी- 2 बॉडीगार्ड
– प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी- 2 बॉडीगार्ड
– सचिव- 1 बॉडीगार्ड
– कमिश्नर- 3 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– डीएम- 3 बॉडीगार्ड, 2-8 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– डीडीसी- 1 बॉडीगार्ड
– अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था)- 1 बॉडीगार्ड
– एसडीओ- 1 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– जिला भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर)- 1 बॉडीगार्ड
(घ) पुलिस अधिकारी :-
– डीजीपी- 3 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– डीजीपी पंक्ति के अन्य पदाधिकारी- 3 बॉडीगार्ड
– एडीजी- 3 बॉडीगार्ड
– आइजी (पुलिस मुख्यालय या राज्य स्तर पर पदस्थापित)- 2 बॉडीगार्ड (इससे अधिक संख्या तभी बढ़ेगी, जब कोई बड़ा खतरा होगा)
– प्रक्षेत्रीय आइजी- 3 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– डीआइजी (पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित)- 2 बॉडीगार्ड (इससे अधिक संभावित खतरे के आधार पर)
– क्षेत्रीय डीआइजी (बीएमपी/रेलवे डीआइजी समेत)- 3 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– एसपी- 2 बॉडीगार्ड
– जिले के एसपी – 3 बॉडीगार्ड व 2-8 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– जिले में पदस्थापित एएसपी- 2 बॉडीगार्ड
– एसडीपीओ- 2 बॉडीगार्ड, 1-4 स्ट्राइकिंग रिजर्व
– डीएसपी- 1 बॉडीगार्ड
(ड) अन्य :-
– अध्यक्ष, राज्य मानवाधिकार आयोग- 1 बॉडीगार्ड
– राज्यस्तरीय आयोग के सभी अध्यक्ष- 1 बॉडीगार्ड
– सदस्य, राज्य मानवाधिकार आयोग- 1 बॉडीगार्ड
– मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी- 1 बॉडीगार्ड
– कुलपति- 1 बॉडीगार्ड
– प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज- 1 बॉडीगार्ड
– महापौर- 1 बॉडीगार्ड
– नगर आयुक्त (नगर निगम)- 1 बॉडीगार्ड
– जिला पर्षद अध्यक्ष- 1 बॉडीगार्ड
10 मानकों पर आवेदन की समीक्षा
आवेदक का स्थायी नाम और पता हो
संबंधित व्यक्ति पर खतरे का विस्तार से विवरण
यदि व्यक्ति पर कोई कांड या अनुसंधान चल रहा है, तो उसकी स्थिति
कोई केस दर्ज है, तो उसकी मौजूदा स्थिति
व्यवसाय और आय के स्रोत
आर्थिक स्थिति
आवेदक या उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम मौजूद आर्म्स लाइसेंस
पहले से अगर कोई सुरक्षा मिली है, तो उसका उल्लेख
अन्य कोई विशिष्ट सूचनाएं
विशेष सुरक्षा समिति तय करेगी कि बॉडीगार्ड पेमेंट आधारित देना है या नॉन पेमेंट पर
खतरे का आकलन आधारित : किसी व्यक्ति पर मौजूदा हालात या किसी परिस्थिति की वजह से उत्पन्न खतरे के आधार पर सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय लिया जायेगा. इस क्रम में जिलों में मौजूद पुलिस बल व शस्त्र की उपलब्धता समेत अन्य पहलुओं पर विचार किया जायेगा.
पद आधारित : इसमें विशिष्ट लोगों या सरकारी पदाधिकारियों को उनके ओहदे के हिसाब से तय मानक के मुताबिक संख्या में बॉडीगार्ड मुहैया कराये जायेंगे. इनमें न्यायाधीश, सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी और अन्य शामिल हैं.
जिलों में ही आवेदन : बॉडीगार्ड के इच्छुक व्यक्ति को अपने जिले के एसपी या डीएसपी (विशेष शाखा) या जिला विशेष शाखा पदाधिकारी के पास आवेदन करना होगा. आवेदन को 15 दिनों के अंदर विशेष सुरक्षा समिति को भेजा जायेगा. जिला स्तर पर आवेदनों की समीक्षा तय 10 मानकों के आधार पर की जायेगी.
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