पटना : बिहार में चलने वाले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर पटना हाइकोर्ट काफी खफा है. कोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा फीस बढ़ाए जाने के मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया है. पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने संजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में इसके लिये रेगुलेटरी बॉडी क्यों नहीं है ? कोर्ट ने पूरी तरह पारदर्शी व्यवस्था बनाये रखने के लिये शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में तलब किया है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद फिर होगी.
पटना हाइकोर्ट को यह जानकारी दी गयी कि प्राइवेट स्कूलों में फीस को नियंत्रण करने के लिये राज्य में कोई नियंत्रक इकाई नहीं है. बताया जा रहा है कि जबकि इसे लेकर तमिलनाडु, राजस्थान और अन्य राज्यों में इस तरह की फीस बढ़ोतरी पर पूरी तरह लगाम लगाने की लिये एक कमेटी का गठन किया गया है. मामले में याचिकाकर्ता संजीव कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. साथ ही इस मामले में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को तलब भी किया है.