पटना : बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने गया जिला स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 500 रुपये का नोट स्वीकार नहीं किये जाने के कारण डायलेसिस नहीं होने पर एक महिला की मौत की मौत हो जाने की मीडिया में आयी खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अस्पताल अधीक्षक से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है. बीएचआरसी के सदस्य नीलमणि ने आयोग के उक्त आदेश के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर इस बारे में आयीं खबरें सही हैं तो यह गया स्थित उक्त बड़े सरकारी अस्पताल में कर्तव्य के प्रति लापरवाही को परिलक्षित करता है.
अस्पताल ने नहीं लिये नोट
बीएचआरसी ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख आगामी 20 तारीख निर्धारित करते हुए गया के जिलाधिकारी और उक्त अस्पताल अधीक्षक से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार मगध मेडिकल कॉलेज में पीपीपी मोड पर कार्यरत डायलेसिस सेंटर बी बरुण मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड ने 500 रुपये का नोट दिये जाने से गया जिला के चाकंद थाना अंतर्गत ओरमा गांव निवासी गोरा मांझी की पत्नी मंजू देवी का डायलेसिस करने से इंकार कर दिया था जिसके बाद उनकी मौत हो गयी थी.
मौत पर आयोग का संज्ञान
केंद्र सरकार द्वारा गत 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाये जाने के समय इसे आगामी 24 नवंबर तक सरकारी अस्पतालों में स्वीकार्य किये जाने की छूट दी गयी थी पर मंजू की मौत 23 नवंबर को शाम में हो गयी थी.