Advertisement
सात निश्चयों से स्मार्ट बनेंगे बिहार के लोग : CM नीतीश
वादे पूरे. हर घर नल का जल व शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजनाएं लांच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चयों में से अब तक तीन को लागू कर दिया है, जबकि तीन अन्य योजनाओं की शुरुआत दो अक्तूबर को होनी है. पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी सरकार के दो निश्चयों-‘हर […]
वादे पूरे. हर घर नल का जल व शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजनाएं लांच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चयों में से अब तक तीन को लागू कर दिया है, जबकि तीन अन्य योजनाओं की शुरुआत दो अक्तूबर को होनी है.
पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी सरकार के दो निश्चयों-‘हर घर नल का जल’ और ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’ का शुभारंभ किया. अधिवेशन भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चयों से यहां लोग स्मार्ट बनेंगे और बिहार आसमान की बुलंदियों को छुयेगा. बिहार के लिए ‘स्काइ इज द नो लिमिट’ होगी. बिहार देश में उदाहरण बनेगा.
सात निश्चयों की तरह देश में और कहीं काम हो रहा है या नहीं, यह पता नहीं, लेकिन इस काम का इंपैक्ट आनेवाले समय में दिखेगा. नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना पर तंज भी कसा. कहा कि केंद्र की स्मार्ट सिटी कब बनेगी, पता नहीं, लेकिन बिहार सरकार के सात निश्चयों के बाद गांव के लोग हों या फिर शहर के, वे स्मार्ट जरूर बन जायेंगे. स्मार्ट सिटी के लिए 500 करोड़ दिये गये हैं. इसमें लगता है शहर स्मार्ट बन जायेगा? हमने शौचालय निर्माण के लिए ही केंद्र के चार हजार रुपये के अलावा आठ हजार रुपये प्रति परिवार की दर से अरबों रुपये दे दिये हैं. अब देखना है कब तक और कैसी स्मार्ट सिटी बनती है.
ये योजनाएं सबके लिए : मुख्यमंत्री कहा कि सात निश्चयों की दो ‘हर घर नल का जल’ और ‘शौचालय निर्माण-घर का सम्मान’ का शुभारंभ हो गया है. ये यूनिवर्सल योजनाएं हैं. ये सबके लिए हैं. किसी को इससे वंचित नहीं किया गया है. सबके लिए एक नजरिया है. सब लोग इसका लाभ उठाइए. शौचालय और नल के जल के लिए किसी को छोड़ा नहीं जायेगा, चाहे वे बीपीएल हो या फिर एपीएल. लोगों के घरों में नल का पानी मिलेगा और शौचालय होगा.
इसमें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. एक व्यक्ति को 135 लीटर पानी दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ शौचालय बना देने से खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिलेगी. इसके लिए लोगों को समझाना होगा कि खुले में शौच हानिकारक है. 90% बीमारियां इसी से होती हैं. वातावरण बन रहा है और वह दिन दूर नहीं, जब खुले में शौच मुक्त बिहार बनेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का शुभारंभ हो गया है. अब इसमें किसी प्रकार की कोई कमी या फिर समस्या होगी, तो मिड टर्म संशोधन भी किया जायेगा. सभी योजनाओं के लिए सालाना लक्ष्य रखा गया है. किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं है. पैसे का आकलन कर लिया गया है. केंद्रीय वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग के अलावा राज्य सरकार अपनी ओर से इन योजनाओं पर खर्च करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी जनप्रतिनिधि हैं, सबको मिल कर काम करना है. ग्राम पंचायत का चुनाव तो हो गया. अगले साल नगर निकाय का चुनाव है. इसलिए सरकार की निश्चय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में ऐसा काम करें कि फिर से लौटने की संभावना बढ़ जाये. इस पर मुख्यमंत्री ने पटना नगर निगम के मेयर अफजल इमाम पर चुटकी भी ली.
विकल्प के रूप रहेंगे चापाकल, कुआं का भी होगा जीर्णोद्धर
नीतीश कुमार ने कहा कि हर घर नल का जल योजना तो शुरू हो रही है, लेकिन जितने भी सार्वजनिक चापाकल और कुएं हैं, वे भी रहेंगे. चापाकलों की देखरेख, मरम्मत जारी रहेगी. जो सार्वजनिक कुएं हैं, उनकी हालत खराब हो गयी है. लोग कम इस्तेमाल कर हैं. गरमी में अगलगी की घटनाएं होती हैं. ऐसे आपदा में ये कारगर हो सकते हैं, इसलिए सभी कुआें का जीर्णोद्धार किया जायेगा और उनमें जल भरा जायेगा. गांव में अगर किसी दिन नल का पानी बंद हुआ, तो हाहाकार नहीं मचेगा, लोग चापाकल व कुओं का इस्तेमाल कर सकेंगे. हर घर नल के जल के अलावा पीएचइडी ने पूर्व में जितनी भी योजनाएं हाथ में ली हैं, वे भी चलती रहेंगी और पूरी होंगी.
शौचालय निर्माण के लिए हर घर का हुआ सर्वेक्षण
सीएम ने कहा कि पहले बिहार में बीपीएल परिवारवाले शौचालय से विहीन तो थे ही, एपीएल परिवारों के 56 लाख लोगों के यहां भी शौचालय नहीं था. सरकार ने योजना शुरू की और सभी घरों का सर्वेक्षण कराया गया है कि कितने घरों में शौचालय नहीं है और कितने घरों में शौचालय बनाने की जगह नहीं है.
जहां शौचालय नहीं है, उन्हें इसके निर्माण के लिए केंद्र के चार हजार रुपये में राज्य सरकार आठ हजार रुपये जोड़ कर दे रही है(कुल 12 हजार रुपये). वहीं, जहां शौचालय बनाने की जगह नहीं है. वहां आठ-10 लोगों के लिए सामुहिक शौचालय बना कर सभी लोगों को एक-एक शौचालय की चाबी दी जा रही है, ताकि वे उसे इस्तेमाल करें और सफाई भी करें. इसी आधार पर लक्ष्य का निर्धारण किया गया है.
दो अक्तूबर को तीन और निश्चयों की शुरुआत
1. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड : 12वीं पास िवद्यार्थियों को उच्च िशक्षा के िलए चार लाख तक का लोन िमलेगा, गारंटर राज्य सरकार बनेगी
2. स्वयं सहायता भत्ता : रोजगार खोजने के लिए 20 से 25 वर्ष के छात्रों को दो साल तक हर माह एक-एक हजार रुपये मिलेंगे
3. वेंचर कैपिटल फंड : स्टार्टअप के लिए 500 करोड़ रुपये का फंड, इससे युवकों को उद्योग लगाने के िलए सहायता दी जायेगी
पांच वर्षों में शहरों के 15़ 71 लाख परिवारों को नल का जल
साल परिवार
2016-17 1.00 लाख
2017-18 8.58 लाख
2018-19 3.73 लाख
2019-20 2.40 लाख
पांच वर्षों में 5013 पंचायतों में नल का जल
साल वार्ड
2016-17 20 फीसदी
2017-18 30 फीसदी
2018-19 30 फीसदी
2019-20 20 फीसदी
जिम्मेवारी : पंचायती राज विभाग
नोट : फ्लोराइड व आयरन ग्रस्त 21300 टोलों व आर्सेनिक ग्रस्त 961 टोलों को नल का पानी पहुंचाने का जिम्मा पीएचइडी को मिला है (कुल 3378 पंचायत).
तीन वर्षों में शहरों में 1116़ 38 करोड़ से बनेंगे 7.16 लाख शौचालय
साल व्यक्तिगत सार्वजनिक
2016-17 3.00 लाख 2500
2017-18 2.50 लाख 2500
2018-19 1.60 लाख 1881
जिम्मेवारी : नगर विकास विभाग
पांच वर्षों में गांवों में 23554 करोड़ से बनेंगे 1.60 करोड़ शौचालय
साल पंचायत शौचालय
2016-17 1999 41.26 लाख
2017-18 2868 55.75 लाख
2018-19 2675 48.93 लाख
2019-20 803 14.68 लाख
जिम्मेवारी : ग्रामीण विकास विभाग
मॉनीटरिंग के लिए एक बार फिर यात्रा पर निकलेंगे सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही मैं फिर से यात्रा पर निकलूंगा. इस दौरान सरकार के सात निश्चयों की योजनाओं की मॉनीटरिंग करूंगा और देखूंगा कि फील्ड में कैसा काम हो रहा है. इससे पहले मुख्यमंत्री विकास यात्रा, विश्वास यात्रा, न्याय यात्रा, संकल्प यात्रा, सेवा यात्रा कर चुके हैं और लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हो चुके हैं.
दुर्गापूजा के पहले मिलेगा विवि शिक्षकों को चार माह का वेतन
पटना. राज्य के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों को चार माह (मई से अगस्त तक) का वेतन व पेंशन अब दशहरे के पहले मिल जायेगी. राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को इनके मार्च, 2016 से फरवरी, 2017 तक के लिए वेतन व पेंशन की राशि को मंजूरी दे दी. साथ ही जुलाई, 2015 से फरवरी, 2016 तक की अवधि का बकाया महंगाई भत्ता, महंगाई राहत और विभिन्न वादों में न्यायालयों द्वारा दिये गये आदेश के आलोक में बकाया राशि के रूप में 2219. 99 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इसके अलावा कैबिनेट ने स्वीकृत राशि में से मार्च, 2016 से मई, 2016 तक के लिए स्वीकृत व जारी किये गये 506.18 करोड़ रुपये का सामंजन एकमुश्त करने की सहमति दे दी है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 में गैर योजना अंतर्गत विश्वविद्यालय के कर्मियों को दी गयी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी. अराजकीय स्वीकृत 205 मदरसों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को वर्ष 2016-17 के मानदेय भुगतान के लिए 15 करोड़ के सहायक अनुदान को मंजूरी दी गयी है. गैर सरकारी मान्यताप्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को चालू वित्तीय वर्ष में वेतन भुगतान के लिए 54 करोड़ सहायक अनुदान भी मंजूर किया गया है. बिहार कृषि विवि, सबौर को वर्ष 2016-17 में राज्य योजना अंतर्गत विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं विभिन्न कृषि व उद्यान महाविद्यालयों के लिए स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्यरत कर्मियों के वेतनादि के भुगतान , स्थापना से संबंधित अन्य मद और कोर्डिनेटेड वेलाइटल ट्रायल एवं 3डी प्रिंटर के लिए 45.09 करोड़ की स्वीकृति दी गयी. वित्तीय वर्ष 2016-17 में सिमुलतल्ला आवासीय विद्यालय,जमुई के स्थापना एवं अन्य मद में व्यय के लिए 7.30 करोड़ की स्वीकृति दी है.
घर बैठे लोग माई-बाप बनने लगते हैं : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जस्टिस मार्कंडेय काटजू के पोस्ट पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को कश्मीर के साथ बिहार को भी देने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को छपने की बीमारी होती है. कुछ भी बोल देते हैं. कश्मीर के साथ-साथ बिहार के मालिक हो गये हैं क्या? घर बैठे ही माई-बाप बनने लगते हैं. बिहार का इतिहास गौरवशाली है. बिहार बुद्ध, महावीर, चाणक्य से लेकर सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य की धरती रही है.
आर्यभट की धरती है, जिन्होंने दुनिया को शून्य दिया. यह वहीं पाटलिपुत्र है, जहां से इतने बड़े क्षेत्र पर शासन चलाया जाता था, जितना बड़ा आज देश का क्षेत्रफल नहीं है. उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को कठिनाई है कि बिहार आये, तो शाम कैसे बितायेंगे. इस मामले में आइ कांट हेल्प यू. अगर इतना ही शौक है या दिक्कत है, तो लाइट ऑफ करके फल के जूस को ही शराब समझ कर पी लें. इससे कोई समझौता नहीं करेंगे.
किसी को बिहार पर छींटाकशी का अधिकार नहीं : तेजस्वी
जस्टिस काटजू के पोस्ट पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार ज्ञान, ध्यान आैर अन्याय के विरुद्ध प्रतिरोध की धरती है. इसे आप महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को पढ़ने से समझ सकेंगे.
बिहार को महाज्ञानी आर्यभट, ब्रह्मगुप्त और चाणक्य की धरती बताते हुए तेजस्वी ने कहा है कि बिहार अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करता रहा है. एक ही दिन में जस्टिस काटजू के पोस्ट पर आधा दर्जन ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने कहा कि याद रखें, बिहार ऐसा राज्य है, जहां से महान अशोक, चंद्रगुप्त, विक्रमादित्य व शेरशाह जैसे शूरवीरों ने शासन किया है. बिहार को पवित्र धरती बताते हुए तेजस्वी ने कहा है कि बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह, माता सीता और महान सूफी संताें की धरती है. बिहार में संसाधन की कमी भले ही हो सकती है, पर किसी को यह अधिकार नहीं है कि बिहार पर छींटाकशी करे. बिहार हमेशा देश को बुराई के खिलाफ अच्छाई का राह दिखाया है.
तेजस्वी द्वारा आर्यभट्ट को बिहार से जोड़ने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा है कि आर्यभट केरल से बिहार गये थे. उन्होंने पटना में खगोल विज्ञान का अध्ययन किया. इसे उत्तर-दक्षिण के इस सहयोग का क्रेडिट सिर्फ बिहार को नहीं मिलेगा.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने जस्टिस काटजू के बयान की निंदा की है.
उन्होंने कहा कि वे बड़े पद पर रहे हैं. बिहार के बारे में बेसिर-पैर का बयान नहीं देना चाहिए. उनको यहां आकर पहले देखना चाहिए. यहां के बारे में कुछ कहना उनकी गलतबयानी है. पूर्व सीएम व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि जस्टिस काटजू का यह बयान देशद्रोह है. उन्हें देश व बिहार की जनता से माफी मांगना चाहिए.
जदयू ने दर्ज करायी प्राथमिकी
बिहार पर जस्टिस काटजू के आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ मंगलवार को जदयू ने शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार और उनके सहयोगी अभिनव पांडेय की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. शिकायत में नीरज कुमार ने उनकी भाषा बिहार के प्रति घृणा का द्योतक है.
क्या कहा है काटजू ने
जस्टिस काटजू ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि पाकिस्तान अगर कश्मीर चाहता है, तो हम उसे देने को तैयार हैं, लेकिन वह कश्मीर के साथ बिहार को भी लेने को तैयार हो जाये. साथ ही आगरा वार्ता के समय देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को इसका प्रस्ताव भी दिया था, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार नहीं किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement