पटना : भाजपा ने जहरीली शराब से गोपालगंज में 13 लोगों की हुई मौत को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में जहरीली शराब से पिछले दस साल में जितनी मौतें नहीं हुईं, उससे ज्यादा केवल 4 महीनों में हुई. गोपालगंज में 13 लोगों की मृत्यु के साथ ऐसे आठ मामलों में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध के लिए जागरूकता पैदा करने के बजाय केवल राजनीतिक लाभ के लिए तालिबानी शराबबंदी कानून लागू किया.
नीतीश कुमार लें इसकी जिम्मेवारी-मोदी
मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों में अधिकतर दलित, महादलित और अतिपिछड़ा समाज के लोग थे. शराब बरामद होने पर जब सरकार 11 थानेदारों को निलंबित कर चुकी है, तब 30 से ज्यादा मौत होने पर क्या मुख्यमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेंगे. इससे पहले लौरिया के भागड़ टोली (बेतिया) में 4, खगडि़या में 4, पटना सिटी और गया में 3–3, औरंगाबाद में 2 और नालंदा में एक व्यक्ति की मौत जहरीली शराब पीने से हुई. सभी मामलों में पुलिस विषाक्त भोजन को मौत का कारण बताने के लिए लोगों को डरा–धमका कर बयानबदलदेती है. अधिकतर मामलों में न पोस्टमार्टम होता है, न विसरा जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है. बिहार कोकीन गांजा,अफीम और चरस जैसे मादक पदार्थों के ट्रांजिट रूट पर था, वह इसका हब बन गया.
नंद किशोर ने भी बोला हमला
वरिष्ठ भाजपा नेता सह लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा कि गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से हुई दर्जन भर से ज्यादा मौत के लिए सीधे तौर पर सूबे की सरकार दोषी है. इस घटना ने राज्य – दर – राज्य घूमकर बिहार में शराबबंदी का ढोल पीट रहे नीतीश कुमार की कलई खोलकर रख दी है. शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करवाने की जगह नीतीश कुमार इसे सियासी मुद्दा बनाने में रुचि रखते हैं. राज्य की हर समस्या को ताक पर रखकर एकमात्र शराबबंदी की मुहिम चला रहे नीतीश कुमार अपनी असफलता स्वीकारें और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें. यादव ने कहा कि गोपालगंज में हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नीतीश कुमार के द्वारा बनाये गये तालिबानी कानून के खौफ से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इस घटना की लीपापोती करने में लगे रहे.
सरकार शराबबंदी में विफल-अरुण
विधान सभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि शराबबंदी मामले पर सरकार की विफलता का परिणाम है गोपालगंज की घटना. गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सिन्हा ने कहा कि बिहार में प्रतिदिन शराब मिलने एवं जहरीली शराब पीने की घटना सरकार के शराबबंदी के बड़े–बड़े दावों की पोल खोलती है.