नयी दिल्ली : बिहार के मुजफ्फरपुर में दलित समुदाय के युवकों के साथ पिछले दिनों घटी घटना का मामलासोमवार को लोकसभा में उठा और इसे दलित समुदाय के प्रति अत्याचार का गंभीर मामला बताते हुए इसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गयी.
लोक जनशक्ति पार्टी : लोजपा : के चिराग पासवान ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि बिहार सरकार की शह पर दलित समुदाय पर अत्याचार किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना में मोटरसाइकिल चोरी के आरोपों को लेकर दलित समुदाय के दो युवकों को कमरे में बंद कर घंटों पीटा गया और उसके बाद जबरन उनका मुंह खुलवा कर पेशाब किया गया.
चिरागपासवान ने बिहार के किशनगंज और दरभंगा में भी पिछले दिनों इसी प्रकार की घटनाएं होने का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार दूसरे राज्यों में दलितों पर अत्याचार की घटनाओं पर तो घड़ियाली आंसू बहाती है लेकिन अपने प्रदेश में उसकी खुद की शह पर दलित समुदाय को प्रताड़ित किया जा रहा है. चिराग पासवान ने कहा कि देश की 20 करोड की दलित आबादी आज अगर मदद के लिए देखे तो कहां देखे?
लोजपा सांसद ने आरोप लगाया कि बिहार में 1996 में बथानी टोला की घटना में 21 दलितों को, लक्ष्मणपुर बाथे की घटना में 58 दलितों को मार डाला गया और वहां दलित नरसंहार का लंबा इतिहास रहा है. उन्होंने दलित समुदाय की दयनीय हालत का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासनिक स्तर पर सचिव स्तर के 149 अधिकारियों में एक भी दलित समुदाय से नहीं है. उन्होंने मुजफ्फपुर घटना की सीबीआई जांच की मांग की.
जन अधिकार मोर्चा के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने खुद को चिराग पासवान के मुद्दे से सबद्ध करते हुए कहा कि दलितों पर देश में अत्याचार बढ़ रहे हैं और गृह युद्ध की स्थिति बन रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है तो अन्य राज्यों में दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है.