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सीएम नीतीश बोले, पूर्ण शराबबंदी होगी गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली : पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी के लिए जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नयी दिल्ली में सम्मानित किया. चैबर ऑफ कॉमर्स ने इस तरह का आयोजन कर यह संकेत दिया है कि शराबबंदी के वह भी खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी ही […]

नयी दिल्ली : पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी के लिए जदयू अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नयी दिल्ली में सम्मानित किया. चैबर ऑफ कॉमर्स ने इस तरह का आयोजन कर यह संकेत दिया है कि शराबबंदी के वह भी खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी ही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

इस अवसर पर बहुत सारे एनजीओ, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया जिसमें ज्यादातर महिलाओं ने शराब से होने वाले दुष्प्रभावों के विषय में बताया. पीएचडी चैबर्स ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने भी शराब बंदी के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह इस शराब बंदी अभियान के साथ है. चैबर्स की ओर से नीतीश कुमार से कहा गया कि वह राज्य में शराबबंदी लागू करने के विषय में विस्तार से बतायें.

मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव को साझा करते हुए जब वह पहली बार सीएम बने थे, तब शराब को लेकर उनके मन में क्या चल रहा था, और जब उन्होंने बंद करने का निश्चय किया तब उनके मन में क्या चल रहा था, उन सारी बातों को विस्तार से बताया. साथ ही राज्य के आय पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र भी किया.

हालांकि उनके मन में यह साफ था कि शराब से राजस्व बढ़े इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है. नीतीश कुमार ने कहा कि वह छात्र जीवन से ही शराब के खिलाफ रहे हैं. वर्ष 1977 में जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर ने शराब बंद की थी, लेकिन उस फैसले को फिर से उन्हें वापस लेना पडा. इसलिए मन में कई तरह की बात चलती रहती थी. सारे कवायद के बाद तीसरी बार जब सीएम बना, उसके बाद एक अप्रैल से पूर्ण शराब बंदी की घोषण कर दी.

उन्होंने कहा कि लोग शराब न पियें और, ब्लैक में शराब दूसरे जगहों से न मंगाया जाये इसके लिए बहुत ही कड़े प्रावधान किये हैं. थाना इंचार्ज से शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया है कि उनके क्षेत्र में कोई भी दुकान नहीं है. यदि कोई दुकान पकड़ी जाती है, तो विभागीय कार्रवाई के अतिरक्ति थाना प्रभारी को 10 साल के लिए थाने में पोस्टिंग नहीं दी जायेगी. हर जिले में डि एडक्शिन सेंटर खोला गया. यानि पूरी तैयारी के साथ हमलोगों ने लागू किया है और उसमें सफल हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में शराब को जायज नहीं ठहराया गया है. उसी तरह से मनीषियों और भारत के राष्ट्र निर्माताओं ने भी शराब को विरोध किया है. महात्मा गांधी, बाबा अंबेडकर, जेपी, लोहिया भी शराब के खिलाफ थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बंद होने के बाद बिहार में अपराध और रोड एक्सीडेंट में कमी आयी है. उसी तरह से अन्य राज्यों में भी कमी आयेगी. कई तरह की समस्याओं पर लगाम लगेगी. यदि शराब पर रोक होगी, तो निश्चित रूप से अपराध सहित कई सामाजिक बुराइयों पर रोक लगेगी.

चाहे कितना भी बड़ा आर्थिक नुकसान क्यों न हो, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों के जीवन स्तर में सुधार तथा उनका सेहत है. महिलाओं ने जिस तरह से इसे बंद कराने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया उसे देखकर वह खुद भी हतप्रभ हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक राजकोष पर पड़ने वाले प्रभाव की बात है, तो राज्य में शराब से पांच हजार करोड़ रुपये टैक्स से आता था, तो इसका दोगुना कम से कम 10 हजार करोड़ की शराब लोग पीते रहे होंगे.

अब उस 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी. वह सारे पैसे लोग दूसरे कामों में खर्च करेंगे. उससे भी तो राज्य की आमदनी ही होगी. उससे विकास का काम किया जायेगा. जो पैसे लोग शराब की दूकान पर जाकर खर्च करते थे आज वह पैसे वह अपने घर के विकास पर खर्च कर रहे हैं. इसलिए जो टैक्स शराब के जरिये आ रहा था आज वह टैक्स दूसरे व्यवसायों से सरकार के पास आयेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया है कि वह इसे पूरे देश में लागू करवाने में मदद करें.

क्योंकि योग और शराब साथ्-साथ नहीं चल सकते. माननीय प्रधानमंत्री जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शराबबंदी को बनाये रखा, इससे लगता है कि वह भी शराबबंदी के पक्षधर हैं. इसीलिए में उनसे आग्रह करता हूं कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर इसकी घोषणा करनी चाहिए नहीं तो भाजपा शासित राज्यों में आवश्यक रूप से इसकी पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चंपारण् सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, उस 100 वें वर्ष पर गांधी के चरणों में उनकी यही श्रद्धांजलि है.

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