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यूपी में पूरी तरह से हो शराबबंदी : CM नीतीश

नयी दिल्ली: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बुधवार को आयोजित निर्भय संस्था की नशामुक्ति जन जागृति रैली को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. इससे अपराधों में कमी आयी है. महात्मा गांधी, बाबासाहेब अांबेड़कर, जेपी, लोहिया भी […]

नयी दिल्ली: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बुधवार को आयोजित निर्भय संस्था की नशामुक्ति जन जागृति रैली को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. इससे अपराधों में कमी आयी है. महात्मा गांधी, बाबासाहेब अांबेड़कर, जेपी, लोहिया भी शराब के खिलाफ थे.

समाजवादी विचारधारा हमेशा से शराब के खिलाफ ही रही है. समाजवादी विचारधारा में शराब के लिए कोई जगह नहीं है. नीतीश कुमार ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आग्रह किया कि वे यूपी में शराब पर पाबंदी लगाये. कहा, शराब बंद होने के बाद जिस तरह से बिहार में अपराध और सड़क हादसों में कमी आयी है, उसी तरह से यहां भी इस तरह की समस्याओं पर लगाम लगेगी.

उन्होंने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की जरूरत, अड़चनें और आर्थिक नुकसान की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि चाहे कितना भी बडा आर्थिक नुकसान क्यों न हो, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों के जीवन स्तर में सुधार और उनकी सेहत है. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने जिस तरह से शराब बंद कराने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, उसे देख कर मैं खुद भी आश्चर्यचकित था. गांवों में शराब पर रोक के बाद शहर में एक-दो दुकानें खुलीं, तो लोगों ने विरोध करना शुरू किया और पांच दिन बाद ही पूरे बिहार में देशी और विदेशी, गांव और शहर सभी जगहों पर शराब पर पूर्ण रोक लगा दी गयी. पहले जो शराब पर रोक का विरोध करते थे, आज वे भी इसके पक्ष में हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराब से पांच हजार करोड रुपये टैक्स आता था, तो इसका दोगुना कम-से-कम 10 हजार करोड़ की शराब लोग पीते रहे होंगे. अब उस 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी. उससे विकास का काम किया जायेगा. जो पैसे लोग शराब की दुकान पर जाकर खर्च करते थे, आज वे अपने पैसे अपने घर के विकास पर खर्च कर रहे हैं. इसलिए जो टैक्स शराब के जरिये आ रहा था, आज वह टैक्स दूसरे व्यवसायों से आयेगा. उत्तर प्रदेश में 25 से 30 हजार करोड़ रुपये शराब में खर्च होते हैं. यदि इस पर रोक लगेगी, तो इतने पैसे विकास कार्यों में खर्च होंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि बडे राज्यों मे शराबबंदी सबसे पहले गुजरात में हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वहां मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने शराबबंदी को बनाये रखा, इसे स्पष्ट है कि वह शराबबंदी के पक्षधर हैं. इसीलिए में मैं उनसे आग्रह करता हूं. उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर शराबबंदी की घोषणा करनी चाहिए. ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो भाजपा शासित राज्यों में आवश्यक रूप से इसकी पहल करनी चाहिए. रैली में संस्था के अध्यक्ष आचार्य पवन कुमार, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद आरसीपी सिंह व कौशलेंद्र कुमार, मंत्री जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री श्याम रजक आदि भी उपस्थित थे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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