पटना : बिहार के सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में एक नया खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक पुलिस इस मामले में आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस सूत्रों की माने तो इस भूमिका की जांच करने के लिए पुलिस के पास ठोस कारण है. इस मामले में पुलिस वैसे लोगों को अपने रडार में ले रही है, जो शहाबुद्दीन के करीबी हैं. अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में शहाबुद्दीन के दो बेहद करीबियों को गिरफ्तार किया है, जबकि शहाबुद्दीन का नाम एफआईआर में नहीं है. सीवान एसपी की माने तो जिस तरह से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उससे लगता है कि यह एक प्री-प्लॉन हत्याकांड है और इसे प्रोफेशनल लोगों ने अंजाम दिया है.
पत्रकार की दुश्मनी किसी से दुश्मनी नहीं-पुलिस
सीवान पुलिस ने अबतक जो जांच किये हैं उसके मुताबिक अभी तक कोई ऐसा सबूत सामने नहीं आया है जिससे यह कहा जा सके कि पत्रकार राजदेव रंजन की किसी से दुश्मनी थी. पुलिस इस एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है कि राजदेव रंजन ने शहाबुद्दीन के खिलाफ रिपोर्टिंग की थी, कहीं उसके चलते तो इस हत्याकांड को अंजाम नहीं दिया गया है. पुलिस शहाबुद्दीन के साथ इस हत्याकांड के कनेक्शन से इनकार तो नहीं कर रही है लेकिन मामला जांच के बाद ही स्पष्ट होने की संभावना जतायी जा रही है.
मंत्री के साथ वायरल फोटो का कनेक्शन
अंग्रेजी समाचार पत्र की माने तो राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस को जानकारी मिली है कि सीवान जेल की एक फोटो राजदेव को मिली थी. उस फोटो में बिहार के एक मंत्री अब्दुल गफूर और शहाबुद्दीन जेल में मुलाकात और नाश्ता कर रहे थे. बाद में यह फोटो वायरल हो गयी. पुलिस नेअखबार को बताया है कि सात लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. पुलिस यह बता रही है कि दो लोग पहले से राजदेव का मंडी में इंतजार कर रहे थे. हत्या करने वालों ने काफी नजदीक जाकर राजदेव रंजन को गोली मारी ताकि उनके बचने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाये.
पुलिस हिरासत में उपेंद्र सिंह
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलिस ने जिस उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है, उसका नाम पहले भी हत्याकांड में आया है. अंग्रेजी अखबार के मुताबिक एसपी से शहाबुद्दीन के हत्याकांड से कनेक्शन की बावत सवाल किया गया तो एसपी ने कहा कि अभी इस मामले की जांच चल रही है और इसमें जिस शख्स उपेंद्र सिंह को हिरासत में लिया गया है वह शहाबुद्दीन के लिये काम करता है. उसका नाम गत वर्ष हुए बीजेपी सांसद के प्रेस सचिव संस्कृति भारती की हत्या में भी सामने आया था.
हत्या से पहले किसका आया था फोन ?
पुलिस का कहना है कि राजदेव रंजन को हत्या से पहले एक फोन कॉल आया था. अपराधियों ने पहले फोन कर राजदेव रंजन को मंडी बुलाया. पुलिस उस फोन कॉल के रिकार्ड को निकाल रही है. उस कॉल के आने के बाद ही राजदेव रंजन मंडी के लिए निकले थे. पुलिस को आशा है कि घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से इस हत्याकांड के बारे में कुछ सुराग मिल सकता है. पुलिस सीसीटीवी के डेटा को लेक जांच कर रही है. डेटा को लैब में जांच के लिये भेजा गया है.