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भाजपा व संघ के खिलाफ एकजुट हों सभी पार्टियां : नीतीश

संघ विरोधी मोरचे के िलए संघर्ष जारी रहेगा पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए मिले विशेष दर्जा नीतीश कुमार ने कहा िक भाजपा व संघ के िखलाफ एकजुटता आज की राजनीति की जरूरत है. इसे सभी दलों को समझना पड़ेगा. पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ सभी राजनीतिक […]

संघ विरोधी मोरचे के िलए संघर्ष जारी रहेगा
पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए मिले विशेष दर्जा
नीतीश कुमार ने कहा िक भाजपा व संघ के िखलाफ एकजुटता आज की राजनीति की जरूरत है. इसे सभी दलों को समझना पड़ेगा.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि कि अब देश में सिर्फ दो धुरियां होंगी, एक ओर भाजपा और दूसरी ओर सभी पार्टियों को मिलना पड़ेगा. अगर हमलोग अलग-अलग रहेंगे, तो वे सबका बुरा हाल कर देंगे.
इसलिए भाजपा और संघ के खिलाफ हम सभी पार्टियों को एक होना होगा और गैरसंघवाद (भाजपा व संघ विरोधी मोरचा) बनाना होगा.
इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा. मुख्यमंत्री शनिवार को एडवांटेज कॉन्क्लेव, बिहार, 3.0 : उम्मीद की उड़ान को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने डॉ राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ सभी दलों को एक धुरी में आने की जरूरत बतायी थी, उसी प्रकार आज समय है कि भाजपा व संघ के खिलाफ सभी दल एकजुट हों. उन्होंने साफ कहा कि हम किसी व्यक्ति के विरोधी नहीं हैं, बल्कि भाजपा व उसके विचारों के खिलाफ हैं. इसके लिए लोगों को गोलबंद होना होगा. यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए और देश की एकता व अखंडता के लिए आवश्यक है.
भाजपा पर हमला बोलते हुए नीतीश ने कहा कि आज देश की जो राजनीतिक स्थिति है, वह समझ लेना चाहिए. शिवसेना और अकाली दल भाजपा के पुराने साथी हैं. एनडीए में उनकी क्या स्थिति है? भाजपा के अंदर ही क्या स्थिति है, यह किसी से छुपी थोड़े ही है. मुख्यमंत्री ने आडवाणी का नाम लिये बगैर कहा कि भाजपा में जिनके नाम के नारे लगाये जाते थे, उन धरोहरों को अलग कर दिया गया है. एक्जिबिशन की तरह वे लोग रख दिये गये हैं.
इस्टर्न रिजन को बढ़ाना होगा
प्रधानमंत्री के पूर्वोतर इलाके के विकास वाले बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस ओर उनका ध्यान गया, यह अच्छी बात है. यही हकीकत भी है. अब कहीं उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) यह न कह दें कि यह जुमला था. शुरू से पूर्वी क्षेत्रों की उपेक्षा हुई है. पश्चिम के क्षेत्रों को एडवांटेज है. पहले था कि जहां मिनरल थे, वही उद्योग लगते थे. लेकिन, बाद में उसे बदल दिया गया- उद्योग कहीं भी लग सकते हैं और मिनरल वहां पहुंचाया जा सकता है.
पूर्वी क्षेत्रों का विकास पॉलिसी सपोर्ट देकर किया जा सकता है. इसके लिए ही हम विशेष दर्जा मांग रहे हैं. इसमें केंद्रीय करों में छूट मिलेगी, तो बड़े-बड़े उद्योग लगेंगे. उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी योजना से पंजाब-हरियाणा जैसा बड़ा काम नहीं हो सकता है. कृषि क्षेत्र की जितनी संभावना पूर्वी राज्यों में है, उतना कहीं नहीं है. पंजाब-हरियाणा का पानी नीचे जा रहा है. वहां उन पानी से खेती होती है और उर्वरक का ज्यादा प्रयोग होता है. जितना वहां ज्यादा खेती होनी थी, वह हो चुकी. दूसरे पूर्वी राज्यों में भी क्षमता है और वहां नेचुरल पानी भी है.
तिरंगे पर भाजपा दे रही लेक्चर
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा या संघ का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है, न ही तिरंगा में ही कोई रोल था. ये तो तिरंगे को स्वीकर नहीं करते थे और अब लेक्चर दे रहे हैं. उनकी भूमिका दिल की नहीं, कंठ की हो सकती है. वे इसकी भावना को भड़काना चाह रहे हैं. वे तो नागपुर तक में भगवा फहराते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें वोट क्या इसलिए मिला था? तिरंगे पर कौन-सा खतरा आ गया था? कश्मीर में वे दोबारा सरकार में आये हैं. वहां की स्थिति बिगड़ती चली जा रही है.
भाजपा ने पूरा नहीं किया वादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के चुनाव में भाजपा ने कई वादे किये, उन वादों का क्या हुआ? काला धन आया, किसानों को समर्थन मूल्य मिला, 15-15 लाख मिले, हो सकता है खाते में राशि आ गयी हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग आ गया है. करना संभव हो या नहीं, चुनाव में कुछ भी बोल देते हैं. बाद में कवर अप करना होता है, तो इवेंट मैनजमेंट करना पड़ता है. अंदर क्या है, पता नहीं, लेकिन बाहर उसके रूप को देकर लोग खुश होते हैं.
सरकार में किसी का हस्तक्षेप नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के बारे में प्रचार चाहे जो कुछ हो, लेकिन किसी का न तो कोई हस्तक्षेप है और न ही कोई कठिनाई है. यह जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन की सरकार है. सरकार बनने से पहले साझा कार्यक्रम तय किये गये और अब उन्हीं कामों को प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है. इसमें कोई परेशानी नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति स्मूथ नहीं होती है.
भाजपा के साथ थे, तो क्या बयान नहीं आता था? अब भी इक्का-दुक्का बयान आते रहते हैं, लेकिन जो आता है, वह बयान कम होता है और उसका इंटरप्रेटेशन (विवेचना) ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि 2013 में हमने भाजपा का साथ सिर्फ सिद्धांतों के कारण छोड़ा था. अगर रह जाते, तो लोग यही कहते कि सत्ता के लिए रह गये.

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