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पति ने 3 बेटियों के साथ पीया जहर, एक की मौत

पटना : पीरबहोर थाने के बीएम दास रोड में कारीगर पप्पू कुमार ने पारिवारिक कलह के कारण खुद भी कोल्ड ड्रिंक्स में जहर मिला कर पी लिया और अपनी तीन बेटियों निशु (14 वर्ष), लिली (12 वर्ष) और छोटी (11 वर्ष) को भी पिला दिया. इसके कारण लिली की मौत हो गयी, जबकि पप्पू और […]

पटना : पीरबहोर थाने के बीएम दास रोड में कारीगर पप्पू कुमार ने पारिवारिक कलह के कारण खुद भी कोल्ड ड्रिंक्स में जहर मिला कर पी लिया और अपनी तीन बेटियों निशु (14 वर्ष), लिली (12 वर्ष) और छोटी (11 वर्ष) को भी पिला दिया. इसके कारण लिली की मौत हो गयी, जबकि पप्पू और उसकी दो अन्य बेटियाें की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. घटना गुरुवार की रात 10 बजे की है. जहर पीने कारण खुद भी बेहोश होकर पड़ गया और उसकी तीनों बेटियां भी बेसुध हो गयीं

शुक्रवार की सुबह चार बजे किसी तरह से निशु को होश आया और उसने पड़ोसियों को मामले की जानकारी दी. इसके बाद पड़ोसियों ने डायल 100 पर फोन कर घटना की जानकारी दी. सूचना मिलते ही पीरबहोर पुलिस वहां पहुंच गयी. इसके बाद सभी को अस्पताल लाया गया, जहां लिली को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पप्पू के खिलाफ पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
लिक्विड के कारण पूरे शरीर में फैल गया जहर
पप्पू और उसकी दाे बेटियों निशु व छोटी की हालत गंभीर बनी हुई है. एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला है कि जहर का अंश पूरे शरीर में फैल गया है. छोटी पीएमसीएच के शिशु वार्ड में भरती है, जबकि पिता पप्पू व निशु को इमरजेंसी के मेडिकल वार्ड में भरती किया गया है. तीनों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक्स में आर्गोनो फाॅस्फोरस प्वाइजन मिलाया गया था. लिक्विड होने के चलते यह पूरी तरह से शरीर में फैल गया. डॉक्टर जहर को शरीर से निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालत गंभीर बनी हुई है.
10 दिनों से बेटे के साथ मायके में थी पत्नी
घटना की जानकारी मिलने पर उसकी पत्नी मोइनी उर्फ गुड़िया और बेटा निशांत भी पीएमसीएच पहुंचे. ये दोनों पटना सिटी के खाजेकलां के नीमघाट स्थित मायके में पिछले 10 दिनों से रह रहे थे. मोइनी अपने भाई राजेश के पास थी.
पप्पू मूल रूप से संपतचक के सोहगी का रहनेवाला है. इन दोनों की शादी 16 साल पहले हुई थी. पप्पू पहले चेन्नई में निजी कंपनी में काम करता था और फिर पटना में आने के बाद ज्वेलरी बॉक्स बनाने लगा.
पत्नी मोइनी के अनुसार वह पटना सिटी में काम करता है, जबकि उसकी बेटी निशु के मुताबिक वह चेन्नई में काम करता है. वह हाल में ही पटना आया है. पड़ासियों को भी इस बात की जानकारी थी कि पप्पू चेन्नई में ही काम करता है. पत्नी मोइनी बीएम दास रोड इलाके में ही छात्रावास में खाना बना कर अपना जीवन यापन करती है.
शादी के तीन-चार साल बाद से होने लगा कलह
शादी के तीन-चार साल के बाद से ही पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे पर अवैध संबंधों का शक था. इसको लेकर फिर कलह होने लगी. पप्पू के अनुसार पत्नी उसकी कभी भी बात नहीं मानती थी और हमेशा लड़ाई करती थी.
वह कभी भी समय पर नहीं आती थी. पप्पू के अनुसार पत्नी ने उलटे महिला थाने में केस भी कर दिया था कि वह मारपीट करता है और खर्च भी नहीं देता है. इसके कारण कई बार उसे महिला थाने से फोन भी आया. इसके बाद वह काम करने के लिए चेन्नई चला गया. उसे 15 जनवरी को बड़ी बेटी निशु ने फोन कर जानकारी दी कि मां उसे छोड़ कर चली गयी है. इसके बाद वह चेन्नई से घर लौटा. उसकी पत्नी ने घर आने से इनकार कर दिया. उसका भी किसी से चक्कर चल रहा था, जिसके कारण वह ऐसा व्यवहार कर रही थी.
वहीं, पत्नी का आरोप था कि उसके पति का अन्य महिलाओं से संबंध था, जिसके कारण वह उसके साथ व बच्चों के साथ मारपीट करता था. वह उसकी हत्या तक कराने के फिराक में था. इसके कारण वह अपने बेटे के साथ मायके चली गयी. पत्नी ने बताया कि जब वह मायके गयी, तो उस समय पति घर पर ही था. हालांकि, पप्पू अभी पूरी तरह होश में नहीं आया है. होश में आने के बाद एक बार फिर से पुलिस उसका बयान लेगी.
पप्पू पर बेटी को जहर देकर मारने की प्राथमिकी
घटना के संज्ञान में आने के बाद पीरबहोर पुलिस ने पप्पू के खिलाफ पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. उस पर अपनी बेटी को जहर देकर मारने का आरोप है. हालांकि, इसमें आइपीसी की धारा 302 के बजाय 304, 306 लगाया गया है. यह धारा मौत के लिए प्रेरित करने की बात सामने आने पर लगायी जाती है. इसके साथ ही पुलिस ने पप्पू को हिरासत में ले लिया है और पुलिस की निगरानी में उसका इलाज किया जा रहा है. टाउन डीएसपी ने मामला दर्ज किये जाने की पुष्टि की है.
मां ने घर छोड़ा, तो समझ नहीं पायीं बेटियां
मां के छोड़ने की बात ये छोटी-छोटी बच्चियां समझ भी नहीं पायी थीं कि पिता ने जहर देकर मारने की कोशिश की. 12 जनवरी को मां सभी चारों बच्चों को घर में छोड़ कर मायके चली गयी. 13 जनवरी को पांच मिनट के लिए वह आयी और बेटे को लेकर चली गयी.
फिर बड़ी बेटी निशु ने चेन्नई में काम कर रहे पिता को फोन कर जानकारी दी. पप्पू 15 जनवरी को पटना आया और 21 जनवरी की रात में बेटियों को जहर पिला दिया. पड़ोस में आठ साल से रह रही लक्ष्मी ने बताया कि शाम तक सब ठीक था. सारे बच्चे पिता को देख कर काफी खुश थे. पिता ने सबों के लिए कोल ड्रिंक्स लाया था. रात नौ बजे के बाद दरवाजा बंद हो गया था. सुबह पता चला कि कोल्ड ड्रिंक्स में जहर मिला कर खुद भी पीया और बच्चों को भी पिला दिया.
आंटी, बचा लीजिए हम जीना चाहते हैं
अांटी दरवाजा खोलिए, पापा ने हमें जहर दे दिया है, हमें बचा लीजिए. आंटी… हम जीना चाहते हैं. शुक्रवार तड़के साढ़े तीन बजे थे. दरवाजा पीटने की तेज आवाज से पड़ोसी संध्या की नींद अचानक टूट गयी.
उसने दरवाजा खोला, तो देखा कि निशु दरवाजे पर बेहोशी की हालत में बैठी हुई है. उसके मुंह से झाग निकल रहा है. संध्या के तो होश उड़ गये. तुरंत उसके घर जाकर देखा, तो पिता के साथ दो और बेटियां भी अचेत पड़ी हुई हैं. संध्या को समझते देर नहीं लगी कि परिवार के सारे लोगों ने जहर खाया है. तुरंत संध्या के पति इरफान ने 100 नंबर डायल किया. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने सबों को पीएमसीएच पहुंचाया.
दो माह पहले किराये पर लिया था मकान
बीएम दास रोड स्थित देवी स्थान के पास दो माह पहले यह परिवार किराये के मकान में रहने आया था. परिवार में मां मोइनी देवी के अलावा तीन बेटियां और एक बेटा था. पड़ोसियों से कोई मतलब नहीं था. हमेशा दरवाजा बंद रहता था. संध्या ने बताया कि कोई बच्चा स्कूल नहीं जाता था. सभी घर में ही रहते थे. चार नवंबर को उन्होंने घर किराये पर लिया था. दिसंबर में मकान मालिक किराये की मांग करने लगा. बाद में 12 जनवरी को किराये देने की बात कही गयी.
रखें इन बातों का ख्याल
– सुसाइड करने से पहले एक बार सोच लें
– ऐसा व्यक्ति हमेशा किसी के साथ में रहें
– अपनी प्रॉब्लम दूसरे से शेयर करें, कोई-न-कोई रास्ता निकल जायेगा
– बच्चों और परिवार के प्रति संवेदनशील बनें
– फैमिली सपोर्ट पर ध्यान दें
– दिमाग को दूसरे काम में लगाएं
– बच्चों के प्रति इमोशनल बातें सोचें
(नोट : डाॅ आसिफ अली खान, साइकोलॉजिस्ट से बातचीत पर आधारित)
क्या कहते हैं साइकोलॉजिस्ट
जब जीवन से पूरी तरह निराशा हो जाती है. असहाय महसूस होने लगता है, तो लोग इस तरह के कदम उठाते हैं. कभी-कभी गुस्से के कारण इनसान खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाता है. ऐसे में इमोशन खत्म हो जाता है. इस स्थिति में भी लोग इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत कर बैठते हैं.
– डाॅ बिंदा सिंह, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट

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