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मिशन यूपी: मुलायम-मायावती को साथ लाने में जुटा जदयू

पटना: बिहार विधानसभा के चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस का महागंठबंधन यूपी चुनाव के लिए रोल माॅडल हो सकता है. महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार की पहल पर जदयू यूपी में दो बड़ी ताकतों- समाजवादी पार्टी और बसपा को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है. जदयू की कोशिशें रंग लायीं, तो अगले साल […]

पटना: बिहार विधानसभा के चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस का महागंठबंधन यूपी चुनाव के लिए रोल माॅडल हो सकता है. महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार की पहल पर जदयू यूपी में दो बड़ी ताकतों- समाजवादी पार्टी और बसपा को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है.

जदयू की कोशिशें रंग लायीं, तो अगले साल होनेवाले यूपी विधानसभा के चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए तमाम सेक्यूलर ताकतें एक साथ खड़ी होंगी. अगर यूपी में महागंठबंधन की सूरत नहीं बन पायी, तो भी जदयू अपने बलबूते वहां चुनाव लड़ेगा. जदयू यूपी में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गंठबंधन तैयार करने की मुहिम में जुट गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में मजबूत दखल रखनेवाले चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल से जदयू की निकटता बढ़ी है. अपने दिल्ली प्रवास के दौरान नीतीश कुमार की अजीत सिंह से इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है.

पश्चिमी यूपी में विधानसभा की 80 सीटें हैं. चौधरी अजीत सिंह के पिता चौधरी चरण सिंह से लोकदल के दिनों से नीतीश कुमार की नजदीकियां रही हैं. जदयू और अजीत सिंह के बीच राजनीतिक समझौता हो गया, तो यहां की चुनावी तसवीर बदल सकती है. फिलहाल जदयू इसी गणित पर चल रहा है. जदयू की कोशिश यूपी में कुरमी और कोइरी समेत तमाम अति पिछड़ी ताकतों को एकजुट करने की भी है. जानकारी के मुताबिक यूपी में कुरमी और कोइरी मतदाता गोलबंद हुए, तो उनकी ताकत यादव मतदाताओं से अधिक होगी. इसी फाॅर्मूले के तहत पटेल नवनिर्माण सेना चल रही है. छह मार्च को वाराणसी में होनेवाली किसान महापंचायत में पटेल नवनिर्माण सेना ने कुरमी समेत तमाम अति पिछड़ी जातियों को गोलबंद करने की योजना बनायी है. सेना की इस मुहिम में जदयू साथ दे रहा है. बदल रही राजनीतिक परिस्थितियों का आकलन करने नीतीश कुमार के दो खास सांसद आरसीपी सिंह और केसी त्यागी ने वहां का दौरा किया है. दोनों नेता पटेल नवनिर्माण सेना की बैठक में भी शामिल हुए.
सूत्र बताते हैं कि यूपी के चुनाव में महागंठबंधन के साथ आने के लिए जदयू ने कांग्रेस काे टटोला है. जदयू चाहता है कि यूपी की धरती पर महागंठबंधन को उतरने के लिए कांग्रेस को पहल करनी होगी. हालांकि, बिहार चुनाव में साझीदार बनी कांग्रेस यूपी के मुद्दे पर फिलहाल चुप है. मकर संक्राति के मौके पर पुराने जनता दल परिवार के नेताओं का पटना में जुटान होगा. पटेल नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता व नेता भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे.
इस साल में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इनमें केरल, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल व असम शामिल हैं. इनमें भाजपा स्थानीय ताकतों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती. असम और यूपी में भाजपा की नजर है. असम में नीतीश कुमार वहां के पूर्व सीएम प्रफुल्ल कुमार महंत और बद्दरूदीन अजमल से दो बार मुलाकात कर चुके हैं. वहां भाजपा के खिलाफ मजबूत गंठजोड़ की संभावना बन रही है. यूपी में भी भाजपा को शिकस्त देने के लिए जदयू अभी से जुट गया है. वाराणसी में किसान महापंचायत के आयोजन के पूर्व बिहार के कई मंत्री और विधायक वहां कैंप करेंगे.
यूपी में जदयू की रणनीति
भाजपा के खिलाफ सपा, बसपा, कांग्रेस व रालोद को साथ लाना
महागंठबंधन की सूरत नहीं बनी, तो भी अपने बलबूते चुनाव लड़ना
अजीत से गंठबंधन कर दमदार उपस्थिति दर्ज कराना
कुरमी-कोइरी समेत तमाम अति पिछड़ी ताकतों को एकजुट करना
लालू के वाराणसी दौरे में बनेगी रणनीति
पटना. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जायेंगे. वह वाराणसी में प्रधानमंत्री की ओर से गोद लिये गये गांव के हालात का जायजा लेंगे. इस दौरे के क्रम में लालू के निशाने पर केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी होंगे. उस गांव में सुविधाओं की कमी को आधार बना कर वह यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोकेंगे. फिलहाल राजद संगठन चुनाव में व्यस्त है और उसके एजेंडे में 17 जनवरी को होनेवाला राष्ट्रीय खुला अधिवेशन है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 17 जनवरी के बाद लालू प्रसाद की वाराणसी यात्रा की तिथियां तय पायेंगी. वाराणसी के साथ ही लालू यूपी के दूसरे शहरों का भी दौरा करेंगे. लालू प्रसाद ने बिहार में महागंठबंधन को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र जाने का एलान किया था और यहीं से भाजपा के खिलाफ देशव्यापी लड़ाई शुरू करने की घोषणा की थी.
उत्तर प्रदेश के राजद प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अब तक लालू प्रसाद की वाराणसी यात्रा की तिथि तय नहीं हुई है. इतना तय है कि उनकी वाराणसी समेत यूपी के अन्य शहरों की यात्रा की तिथि 16 जनवरी को कार्यसमिति की बैठक के बाद ही तय की जायेगी. मैं कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए 15 जनवरी को ही पटना पहुंच जाऊंगा. इसी दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम पर विचार किया जायेगा. श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकना आवश्यक है. इसमें राजद अध्यक्ष का बड़ा योगदान होगा. बिहार के तर्ज पर ही यूपी में भी माेरचा बनाने की जरूरत है. यहां भी कांग्रेस को साथ लेने की आवश्कता है.
यूपी के नेताओं को बिहार से सबक लेनी चाहिए. जिस प्रकार लाख विराधी होने के बावजूद लालू-नीतीश एक मंच पर आये व भाजपा को हराया, उसी प्रकार भाजपा को रोकने के लिए मुलायम व मायावती को एक साथ आना चाहिए. ऐसा नहीं हुआ, तो भी नीतीश यूपी में भाजपा को रोकने के लिए अन्य दलों से सपंर्क करेंगे व जदयू पूरे दम-खम के साथ लड़ेगा. केसी त्यागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू

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