पटना : जालसाजों के गैंग से ठगी का शिकार हुई महिला अमिता देवी का केस 24 घंटे के बाद भी दर्ज नहीं हो सका है. उसका आवेदन और एसएसपी मनु महाराज का लिखा निर्देश थाने-थाने घूम रहा है.
पहले कोतवाली और अब शास्त्रीनगर थाने में मामला चला गया है. घटनास्थल रामनगरी थाने के दायरे में है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. इसके बाद यह मामला रूपसपुर या फिर राजीव नगर जा सकता है, क्योंकि रामनगरी का कुछ हिस्सा रूपसपुर, तो कुछ राजीव नगर में पड़ता है. यह हालत तब है, जब ठगी की इस घटना को मनु महाराज ने पीड़िता की जुबानी सुनी और तत्काल एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया.
अपराधियों के जुल्म के बाद थाने से नजर अंदाज किये जानेवाले फरियादी को अगर सीनियर पुलिस अफसर के निर्देश पर भी न्याय नहीं मिले, तो कानून-व्यवस्था की सेहत समझी जा सकती है. ठीक यही हाल हुआ है अमिता देवी के केस का. महिला से बैंक लोन दिलाने के नाम पर 10 लाख कैश, 16 भर गहने व फ्लैट का रजिस्ट्री पेपर ठगों के हाथों में जाने के बाद धमकी सुन रही महिला अमिता देवी और उसके परिवार की जान खतरे में है. वह एक साल से भटक रही है.
पटना के रूपसपुर इलाके में रामजयपाल नगर स्थित अर्पणा बैंक कॉलोनी में रहनेवाली महिला के पास लगातार फोन आ रहे हैं और फ्लैट पर भी चढ़कर धमकी दी जा रही है. हालत यह हो गयी है कि तंग आकर वह और उसका परिवार गया चला गया है. महिला पूरी तरह से डरी हुई है और अब पुलिस से ही उसे न्याय की उम्मीद है.
आवेदन पढ़ने में हुई गलती
सोमवार को महिला की आपबीती सुनने के बाद एसएसपी मनु महाराज ने इस केस को गंभीरता से लिया. तत्काल मामला दर्ज करने के लिए कोतवाली भेजा, लेकिन देर रात तक अमिता और उसका परिवार कोतवाली में मौजूद रहा, इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने पूरे मामले को सुना और बताया कि उनके थाना क्षेत्र की घटना नहीं है. इसके बाद उन्होंने आवेदन को शास्त्रीनगर थाने को भेज दिया.
‘बाॅर्डर’ का विवाद
मंगलवार को जब इस केस में शास्त्री नगर थाने से बात की गयी, तो थानेदार ने बताया कि मामले की जांच हो रही है कि घटनास्थल थाना क्षेत्र में है या नहीं, इसके बाद कार्रवाई होगी. अमिता देवी रूपसपुर इलाके में अपने फ्लैट में रहती हैं और आवेदन के मुताबिक जो मारपीट हुई है, वह राजीवनगर में पड़ता है.
सीएम का आदेश बेअसर
पटना पुलिस के थानेदारों पर सीएम का आदेश बेअसर है. हाल ही में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई लॉ एंड ऑर्डर की बैठक में पुलिस अफसरों को हर हाल में पीड़ितों का केस दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन पटना के थानेदार पीड़ित का केस दर्ज करने की बजाय उनको इधर-उधर टहला रहे हैं. वो भी तब जब इसको लेकर खुद एसएसपी ने अादेश दिया है.