पटना : शहर में अब किशोरियां पॉकेटमारी के गोररखधंधे में शामिल हो गयी हैं. हुस्न की आड़ में वे लोगों को झांसे में लेती हैं और मौका मिलते ही पॉकेट से पर्स या मोबाइल निकाल लेती हैं. लोगों को जब तक इसकी जानकारी होती है, तब तक देर हो चुकी होती है. लड़कियां फरार हो चुकी होती हैं. किशोरियों का गिरोह स्टेशन गाेलंबर, मौर्य लोक, जीपीओ गोलंबर, फ्रेजर रोड, बोरिंग रोड, अशोक राजपथ आदि इलाकों में सक्रिय है.
पॉकेटमारी की कई शिकायतें कोतवाली थाने व जीआरपी पटना जंकशन में पहुंच रही हैं. नाबालिग लड़िकयों के इस तरहके गोरखधंधे में शामिल होने की बात का खुलासा उस समय हुआ, जब कोतवाली पुलिस की टीम ने स्टेशन गोलंबर परसक्रिय तीन नाबािलग लड़िकयों को पकड़ लिया. उन लोगों के पास से एक हजार नकद बरामद किये गये हैं. उन लड़िकयों की उम्र 12 से 14 वर्ष के आसपास है. लड़िकयां स्टेशन गोलंबरके आसपास झोपिड़यों में रहती थीं.
पल भर में पर्स से लेकर मोबाइल तक गायब
बताया जाता हैकि गिरोह में शािमल लड़िकयां पॉकेटमारी में काफी माहिर होती हैं आैर पलक झपकते ही पॉकेट से पर्स या मोबाइल गायब कर देती हैं. साथ ही वे पॉकेटमारी के बाद भीड़ का फायदा उठा कर बाहर निकल जाती हैं. लड़की होने के कारण उस पर कोई शक भी नहीं करता है. इस तरह की लगातार शिकायत मिलने के बाद पुलिस के कान खड़े हो गये. जांच में पुलिस को लड़िकयों के बारे में घटना को अंजाम दिये की जानकारी मिली. सादे वेश में पुलिसकमिर्यों को तैनात किया गया.
पुलिस लगातार स्टेशन गोलंबर, जीपीओ गोलंबर व मौर्य लोक कॉम्प्लेक्स में संदिग्ध लड़के-लड़िकयों पर नजर रख रही थी. कुछ लड़िकयों को चिह्नित भी किया गया. इसके बाद उन किशोरियों की संलिप्तता सामने आयीं और पकड़ी गयीं. उधर कई थानों से इस तरह की पॉकेटमारी की शिकायत आने पर एक विशेष टीम का गठन किया गया है और कुछ भीड़-भाड़ वाले खास जगहों को चिह्नित कर वहां पर सादे वेश में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. ये पुलिस बल स्टेशन गोलंबर पर किसी ट्रेन के आने के बाद विशेष तौर पर निगाह रखते हैं, ताकि उसी समय एक साथ काफी संख्या में लोग बाहर निकलते हैं. इसी प्रकार मौर्या लोक कॉम्प्लेक्स व बोरिंग रोड इलाकों में शाम में विशेष नजर रखी जा रही है.
नाबालिग बच्चे भी करते हैं पॉकेटमारी
पटना शहर में पॉकेटमारी के गोरखधंधे में नाबालिग बच्चों के शामिल होने की कई घटनाएं पटना में सामने आ चुकी हैं. कई बच्चे पकड़े भी गये थे. ये बच्चे भी किसी भी व्यक्ति में सट कर उनके पर्स या मोबाइल फोन निकाल लेते थे. इन बच्चों से पुलिस को यह जानकारी मिली कि मोकामा से बच्चों को पटना लाकर यह गोरखधंधा करवाया जाता था. फिलहाल बच्चों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देने के मामले में काफी कमी आयी है, लेकिन किशोरियों द्वारा पॉकेटमारी का गाेरखधंधा शुरू किये जाने के बाद एक बार फिर से पुिलस के लिए परेशानी बढ़ गयी है.