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राजनीतिक साजिश के कारण हुई थी भाजपा नेता अविनाश की हत्या

पटना: छह अगस्त को दलदली रोड में हुई भाजपा नेता अविनाश की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस घटना को राजनीतिक साजिश के तहत अंजाम दिया गया था. यह हत्याकांड वर्ष 2012 में हुए वार्ड काउंसलर चुनाव के बाद के विवाद का हिस्सा है. उस समय वार्ड 37 में काउंसलर पद […]

पटना: छह अगस्त को दलदली रोड में हुई भाजपा नेता अविनाश की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस घटना को राजनीतिक साजिश के तहत अंजाम दिया गया था. यह हत्याकांड वर्ष 2012 में हुए वार्ड काउंसलर चुनाव के बाद के विवाद का हिस्सा है. उस समय वार्ड 37 में काउंसलर पद के लिए चुनाव हुए थे, जिसमें ज्योति गुप्ता व अविनाश की पत्नी चुनाव लड़ रही थी. लेकिन दोनों ही चुनाव हार गयी थी और धर्मशीला देवी चुनाव जीत गयी थी. इसके बाद से ही दलदली रोड दुर्गा मां मंदिर के पुजारी पन्ना लाल गुप्ता के परिवार व अविनाश के बीच दुश्मनी पनपी थी. इसके साथ ही दलदली में मठ की जमीन को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच विवाद था और दर्ज की गयी प्राथमिकी के मुताबिक अविनाश को पहले भी पन्ना लाल गुप्ता के परिजनों से धमकी मिल चुकी थी.
पुलिस ने घटना के बाद जब अपनी जांच शुरू की और पाया कि मां दुर्गा मंदिर के पुजारी पन्ना लाल गुप्ता, दर्शन उर्फ गुड्डु, पुरोहित लाल गुप्ता, प्रकाश लाल गुप्ता उर्फ पुजारी, रवि गुप्ता व पूर्व वार्ड पार्षद ज्योति गुप्ता ने साजिश रची थी. यह बात तो सामने आ गयी, लेकिन फिलहाल पुलिस के पास पुख्ता साक्ष्य नहीं है. इस साक्ष्य को जुटाने में पुलिस लगी है.
बेऊर जेल में बंद अशोक उर्फ पिंटू व पंकज को दी गयी थी सुपारी
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि अविनाश की हत्या की सुपारी बेऊर जेल में बंद कुख्यात अपराधी अशोक उर्फ पिंटू (बिहटा) व पंकज कुमार (सालिमपुर अहरा) को पन्ना लाल गुप्ता व उसके परिजनों ने दी थी. इसके बाद दोनों अपराधियों ने पटना सिटी के रहने वाले अपने गिरोह के तीन सदस्यों राजा (शाह की इमली, चौक), अंजुम इकबाल (शाह की इमली, चौक) व अलाउद्दीन (हरनाहा टोला, खाजेंकला) को हत्या करने की जिम्मेवारी दी थी.
इसके बाद छह अगस्त की सुबह में राजा, अंजुम व अलाउद्दीन ने अविनाश की हत्या कर दी थी. अलाउद्दीन ने दो गोली चलायी थी, जिसमें वह गिर भी गया था. इसके बाद अंतिम में राजा ने कनपटी में गोली मार कर अविनाश को मौत की नींद सुला दी. हालांकि पुलिस ने फिलहाल इस बात का खुलासा नहीं किया है कि दोनों अपराधियों को कितने रुपयों की सुपारी दी गयी थी. एसएसपी के मुताबिक जब तक कांट्रेक्ट किलर नहीं पकड़े जाते हैं, तब तक इस बात की सही जानकारी नहीं हो सकती है. उनका कहना था कि इस बातकी जानकारी के लिए गिरफ्तार पन्ना लाल गुप्ता, दर्शन लाल उर्फ गुड्डु व ज्योति गुप्ता को रिमांड पर ले कर पूछताछ की जायेगी.
सदर डीएसपी के नेतृत्व में बनायी गयी थी टीम
छह अगस्त की सुबह दलदली रोड में भाजपा नेता अविनाश कुमार की हत्या होने के बाद सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया था. इसके साथ ही एसएसपी विकास वैभव भी लगातार केस की मॉनिटरिंग कर रहे थे. इसके बाद मामले के उद्भेदन में पुलिस को सफलता मिली. हालांकि तीनों कांट्रेक्ट किलर अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.
पुजारी की दोनों अपराधियों से होती थी लगातार बात
अनुसंधान के क्रम में यह बात प्रकाश में आयी है कि प्रकाश गुप्ता उर्फ पुजारी की लगातार अशोक उर्फ पिंटू व पंकज कुमार से मोबाइल पर बात होती थी. जिसके कारण अभी तक पूरा पुलिस को शक है कि हत्या की साजिश को पन्ना लाल गुप्ता व उसके परिजनों ने रची थी. प्रकाश लाल गुप्ता व बेऊर जेल में बंद अपराधियों के बीच हुई बातचीत का साक्ष्य भी पुलिस के पास मौजूद है. एसएसपी विकास वैभव ने बताया कि पन्ना लाल गुप्ता व उनके परिवार के अन्य लोग हत्या की साजिश में शामिल रहे हैं.
क्योंकि जिन लोगों का नाम हत्या की घटना को अंजाम देने में सामने आया है वे लोग बेऊर जेल में बंद पंकज व अशोक के गिरोह के सदस्य हैं और प्रकाश लाल गुप्ता की लगातार इन दोनों से बातचीत होने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं. जिसके आधार पर यह स्पष्ट है कि पन्ना लाल गुप्ता व उनके परिवार के लोग हत्या की साजिश रचने में शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अविनाश हत्याकांड में पन्ना लाल गुप्ता, पूर्व वार्ड पार्षद ज्योति गुप्ता व दर्शन उर्फ गुड्डु को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
इसके साथ ही अन्य आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की पुलिस से भी मदद मांगी गयी है, ताकि घटना को अंजाम देने वाले शूटर को पकड़ा जा सके. उन्होंने संभावना जतायी कि सभी बिहार से बाहर चले गये है. एसएसपी ने बताया कि फरार राजा पहले भी जेल जा चुका है. वर्ष 2010 में पटना सिटी में हुए नेमुतुल्लाह की हत्या मामले में शामिल था और वर्ष 2014 में नवंबर में आर्म्स एक्ट के मामले में जेल गया था. इसके बाद यह जनवरी 2015 में जमानत पर छूटा था. बेऊर जेल के अंदर ही राजा की जान पहचान अशोक उर्फ पिंटू और पंकज से हुई थी. जिसके बाद से यह लगातार संपर्क में था. उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार दर्शन उर्फ गुड्डु पहले भी वर्ष 2000 में जेल गया था.
साक्ष्य जुटाने के लिए की गयी बेऊर जेल में छापेमारी
पुलिस की टीम बुधवार को बेऊर जेल में साक्ष्य जुटाने के उद्देश्य से छापेमारी की. हालांकि पुलिस को सफलता नहीं मिली. प्रकाश लाल गुप्ता उर्फ पुजारी अपने जिस मोबाइल फोन से जेल के अंदर बात करता था, उसका साक्ष्य पुलिस के पास है. लेकिन जिस नंबर पर बात करता था, वह फिलहाल पुलिस के पास नहीं है. उस नंबर की बरामदगी को लेकर बेऊर जेल में बंद अशोक उर्फ पिंटू व पंकज कुमार के वार्ड में छापेमारी की गयी. हालांकि पुलिस को वह मोबाइल हाथ नहीं लगा. इसके बाद पुलिस टीम बैरंग वापस लौट गयी. छापेमारी के दौरान सदर एसडीओ, दो डीएसपी, आठ थाना के थानाध्यक्ष व काफी संख्या में पुलिस बल थे.

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