उन्होंने कहा कि लोजपा की मांग है कि भले ही थोड़ी देर हो जाए लेकिन सरकार को जाति आधारित आंकड़ों को पूरे वर्गीकरण के बाद ही सार्वजनिक करना चाहिए. वर्गीकरण में समय लगेगा, लेकिन जब ये सार्वजनिक होंगे तो उन लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा जो सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद फौरन आंकड़े जारी करने पर जोर दे रहे हैं. सपा, जदयू, राजद और द्रमुक जैसे दलों ने 1912 के बाद से आठ दशकों में पहली बार हुई सामाजिक आर्थिक और जाति आधारित जनगणना में जाति आधारित आंकड़ों को जारी नहीं करने के लिए केंद्र की आलोचना की है.
जाति आधारित आंकड़े जारी हुए, तो लालू व नीतीश पर सबसे ज्यादा असर : पासवान
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को जारी करने से पहले इनके व्यापक वर्गीकरण की वकालत करते हुए कहा कि एक बार ये आंकड़े सार्वजनिक हो गये तो सबसे ज्यादा असर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे नेताओं पर पड़ेगा. लोजपा अध्यक्ष पासवान ने यह दावा भी किया कि […]
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को जारी करने से पहले इनके व्यापक वर्गीकरण की वकालत करते हुए कहा कि एक बार ये आंकड़े सार्वजनिक हो गये तो सबसे ज्यादा असर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे नेताओं पर पड़ेगा.
लोजपा अध्यक्ष पासवान ने यह दावा भी किया कि अन्य पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग की निष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले राजग की ओर बढ़ी है जो खुद भी इबीसी से ताल्लुक रखते हैं.
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