22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

व्यापमं घोटाला: इसी माह सीबीआइ की टीम आयेगी दिल्ली से !

पटना: व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने के बाद से इसकी सरगरमी बिहार में भी बढ़नी तय है. जांच में मध्य प्रदेश क्षेत्र की सीबीआइ टीम की भूमिका अहम होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नयी दिल्ली से सीबीआइ की एक खास टीम इस महीने के अंत तक व्यापमं घोटाले की जांच करने […]

पटना: व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने के बाद से इसकी सरगरमी बिहार में भी बढ़नी तय है. जांच में मध्य प्रदेश क्षेत्र की सीबीआइ टीम की भूमिका अहम होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नयी दिल्ली से सीबीआइ की एक खास टीम इस महीने के अंत तक व्यापमं घोटाले की जांच करने के लिए बिहार आ सकती है. हालांकि अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि कहीं से नहीं हुई है.

इस टीम का मुख्य मकसद यह पता लगाना होगा कि बिहार में इसका किंगपिन कौन है. इस घोटाले में आखिर वे कौन लोग हैं, जो थोक भाव से एमपी के अलग-अलग मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन कराने का ठेका लेते थे. अब तक कितने छात्रों का यहां से फर्जी तरीके से एमपी में एडमिशन हुआ है. अब तक हुई जांच में यह बात तकरीबन स्पष्ट हो चुकी है कि व्यापमं में सबसे ज्यादा एडमिशन खासकर मेडिकल में बिहार के ही छात्रों का हुआ है. इसमें राज्य के कई डॉक्टर व रसूखदार लोग भी शामिल हैं.

हालांकि बिहार में एमपी (मध्य प्रदेश) की एसटीएफ की विशेष टीम वहां के एआइजी के नेतृत्व में बिहार आकर व्यापमं में शामिल स्कॉलरों की तलाश कर चुकी है. इस टीम ने बिहार के पीएमसीएच, बेतिया, कटिहार समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलावा रोहतास, नालंदा समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी भी की थी. इस मामले में अब तक छह स्कॉलरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनसे पूछताछ कर किंगपिन का पता किया जा रहा है, लेकिन इसमें बहुत बड़ी सफलता अब तक हाथ नहीं लगी है. बड़े ‘सेटर’ अब भी पकड़ से बाहर हैं. इनकी गिरफ्तारी के बिना पुलिस किंगपिन तक नहीं पहुंच सकती है. एमपी की एसटीएफ वापस लौट गयी या नहीं, इसकी स्पष्ट रूप से कोई सूचना नहीं है. सूचना के मुताबिक टीम ने अपनी अंतिम जांच बेतिया में की थी. इसके बाद से टीम की गतिविधियों की कोई खास जानकारी नहीं है.
बिहार पुलिस से नहीं मांगा विशेष सहयोग
एमपी की टीम ने बिहार पुलिस को किसी तरह की औपचारिक सूचना भी नहीं दी थी और न ही पुलिस मुख्यालय से इस मामले की छानबीन में किसी तरह का सहयोग करने की अपील की थी. इस कारण से बिहार पुलिस इस छानबीन में बहुत अहम भूमिका नहीं निभा रही है. सिर्फ जिन संबंधित जिलों में टीम जाकर स्थानीय पुलिस से मदद मांगती थी, उन्हें उसके मुताबिक मदद दे दी जाती थी. चूंकि व्यापमं मामले में एमपी में एफआइआर दर्ज हो चुकी है. ऐसे में बिहार में दोबारा इसकी एफआइआर दर्ज नहीं हो सकती है.
इन बातों की होगी जांच
बिहार में किंगपिन कौन
फर्जीवाड़े से कितने छात्रों का हुआ एडमिशन
कब-कब, कहां-कहां हुए हैं एडमिशन
कितने पैसे का लेन-देन हुआ प्रति एडमिशन में
किन-किन मेडिकल या अन्य कॉलेजों में हुए ज्यादा एडमिशन
मेडिकल, इंजीनियरिंग के अलावा और कौन-कौन की परीक्षा या नौकरी में हुई धांधली
इन धांधलियों में बिहार से कितने लोगों जुड़े हुए हैं
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel