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बिहार हत्याकांड : MLA अनंत सिंह ने कहा, SSP मुझसे निकाल रहे हैं दुश्मनी

पटना :विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी जेडीयू के विधायक अनंत सिंह का नाम हत्या और अपहरण के मामले में सामने आने के बाद राजनीति गर्म हो गई है हालांकि इस मामले में खुद की संलिप्तता से मोकामा विधायक ने इनकार किया है. इस मामले में पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र राणा ने मोतिहारी […]

पटना :विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी जेडीयू के विधायक अनंत सिंह का नाम हत्या और अपहरण के मामले में सामने आने के बाद राजनीति गर्म हो गई है हालांकि इस मामले में खुद की संलिप्तता से मोकामा विधायक ने इनकार किया है. इस मामले में पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र राणा ने मोतिहारी के एसएसपी का पदभार संभालने से ठीक पहले यह जानकारी देकर सत्ताधारी दल को मुश्‍किल में डाल दिया है.

बाढ़ थाने के हॉस्पिटल चौक के पास से 17 जून को चार युवकों को अगवा करने व एक पुटुस (लहेरिया पोखर, बाढ़) की हत्या करने की घटना को एक विधायक के इशारे पर अंजाम दिया गया था. यह खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने पटना व बाढ़ के कई इलाकों में छापेमारी कर विधायक के चार गुर्गो ऋषि कुमार (अछुआर, बाढ़), शिवम राज ( हनुमान नगर, पटना), मनीष कुमार ( लंगनपुर मजार के पास, बाढ़) व कन्हैया सिंह ( बाटा के पीछे, बाढ़) को पकड़ लिया.

अनंत सिंहने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं. उन्होंने खुद को इस मामले में घसीटे जाने के पीछे विपक्ष का हाथ बताया. उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की साजिश है. एसएसपी ने मुझसे व्यक्तिगत दुश्‍मनी का बदला लिया है. अनंत सिंह ने कहा कि एसएसपी पैसे लेकर काम करते हैं. यह मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है. जिन चार लड़कों का अपहरण किया गया उसके परिवार ने मुझसे मदद मांगी थी.उन्होंने कहा कि मेरी इतनी औकात नहीं कि किसी का ट्रांसफर करवा सकूं.

17 जून को उठाया,18 की सुबह मिला शव

विधायक के गुर्गो ने 17 जून को चार युवक सोनू, प्रदीप, पुटुस व काजू पांडेय को दिनदहाड़े बाढ़ के हॉस्पिटल चौक से अगवा किया था. इस घटना के बाद काजू, प्रदीप व सोनू को बरामद कर लिया गया था. लेकिन, पुटुस नहीं मिला था. अगवा होने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने हंगामा किया था और पुलिस की गाड़ी तक जला दी थी. इसके बाद पुलिस ने 18 जून को सुबह में पुटुस का शव नदावां के पूर्वी खंदा से बरामद किया था. उसकी बेरहमी से हत्या की गयी थी. मामले में प्रताप, भूषण सिंह समेत पांच अपराधी अभियुक्त बनाये गये थे. जिसमें से भूषण सिंह को पकड़ लिया गया था. हालांकि इस मामले का मास्टरमाइंड प्रताप अब भी फरार है. भूषण व प्रताप का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. प्रताप का नाम सैदपुर छात्रवास में सौरव को गोली मारने के मामले में आया था. इसके अलावे कई आपराधिक मामलों में वह वांछित है.

प्रताप व भूषण ने दिया था घटना को अंजाम

पूछताछ के बाद इन अपराधियों से पुलिस को जानकारी मिली कि एक विधायक का आदेश मिलने के बाद प्रताप सिंह व भूषण सिंह के साथ वे लोग बाढ़ के हॉस्पिटल चौक पहुंचे और चारों को अगवा कर लिया. लदमा गांव ले जाने के क्रम में रेलवे गुमटी के पास गाड़ी को रोकी गयी. इसी बीच काजू पांडेय किसी तरह से गाड़ी से कूद कर फरार हो गया. इसके बाद प्रदीप कुमार व सोनू की पिटाई करने के बाद गाड़ी से उतार दिया गया. लेकिन, पुटुस को अपने साथ ले गये और फिर हत्या कर शव को फेंक दिया गया.

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