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बिहार सरकार की नीति स्पष्ट, पर केंद्र की नीयत साफ नहीं है : नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर जम कर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की नीति स्पष्ट है, लेकिन केंद्र सरकार की नीयत साफ नहीं है. बिहार को मदद करने के बजाय वे सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं. लेकिन, भाषण देने से नहीं, […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर जम कर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की नीति स्पष्ट है, लेकिन केंद्र सरकार की नीयत साफ नहीं है. बिहार को मदद करने के बजाय वे सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं. लेकिन, भाषण देने से नहीं, काम करने से विकास होगा. वह बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में ग्रामीण कार्य विभाग के शिलान्यास-उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. मौके पर उन्होंने 5991 करोड़ से 3117 सड़कों व 323 पुलों का शिलान्यास, कार्यारंभ व उद्घाटन किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नीति से भटक रही है. केंद्र को इसे स्वीकार करना चाहिए. केंद्र सरकार अपने एक साल होने पर जश्न मनाने में तल्लीन है. जो घोषणाएं हुईं, उन पर तो केंद्र को अमल करना नहीं है. चुनाव का साल है. ढेर सारी घोषणाएं होती रहेंगी, पर उन पर भी अमल नहीं होगा. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है, लेकिन राशि अब तक नहीं दी है. वह सिर्फ वादा कर रही है कि राशि देंगे, लेकिन पिछले एक साल में पीएमजीआरवाइ का पैसा रिलीज ही नहीं किया गया. केंद्र के एक साल का कार्यकाल देखने से साफ लगता है कि बिहार को कोई लाभ नहीं पहुंचा है. न तो बिहार पर केंद्र विशेष ध्यान दे रहा है और नहीं विशेष सहायता दे रहा है. बिहार के प्रति साधारण ध्यान भी केंद्र सरकार का नहीं है. गरीब राज्यों की मदद नहीं की जायेगी और सिर्फ विकसित राज्यों को मदद की जायेगी, तो समावेशी विकास कैसे संभव है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए भी राशि नहीं दी जा रही है. केंद्र के कारनामों से तो लगता है कि गांव में रोजगार की जो योजना थी, केंद्र उसे बंद करना चाहता है. केंद्र का कौन-सा नजरिया है, यह पता ही नहीं चलता. इससे हर आदमी चिंतित है और निराश होता जा रहा है. केंद्र सरकार पीएमजीआरवाइ और मनरेगा को बंद करना चाहती है या जारी रखना चाहती है, स्पष्ट करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग का काम केंद्र की राशि पर निर्भर नहीं है. राज्य की राशि से जितना काम होना है, करके दिखा देंगे. लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. सच के ऊपर झूठ का बादल ज्यादा दिनों तक नहीं रहनेवाला. काम करने से उस झूठ रूपी गाद को हटाया जा सकता है. जिस प्रकार सूरज के तेज को कोई रोक नहीं सकता, उसी प्रकार काम करनेवाले को भी कोई नहीं रोक सकता.

तीन दिन ऑफिस में व तीन दिन फील्ड में रहें

नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे सप्ताह में तीन दिन ऑफिस वर्क करें और तीन दिन फील्ड में रहें. सब काम ठीक हो जायेगा. फील्ड के अधिकारी व कर्मचारी भी अपना-अपना काम सही से करने लगेंगे. अभी वर्किग सीजन चल रहा है, युद्ध स्तर पर काम करें. जितना संभव हो सके काम करें, ताकि लोग खुशी की अनुभूति करें.

केंद्र सरकार नहीं कर रही मदद : श्रवण कुमार

समारोह में मौजूद ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार की मदद नहीं कर सही है. केंद्र ग्रामीण सड़कों के लिए बिहार को जल्द राशि उपलब्ध कराये. बिहार सरकार अपने मद की राशि तो ग्रामीण सड़कों पर लगा रही है, लेकिन केंद्र द्वारा राशि नहीं मिलने से सड़कों की स्थिति जजर्र हो रही है. साथ ही नयी सड़कों के निर्माण में भी समस्या आ रही है. ग्रामीण सड़कों का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को दिया जा चुका है. इनमें से कई को केंद्र की मंजूरी भी मिल गयी है, लेकिन राशि का भुगतान अब तक नहीं हो सका है इस मौके पर ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार और मुख्यमंत्री सचिव चंचल कुमार मौजूद थे.

गंगा पुल तय कर लिया, तब कह रहे हमें सौंप दें

नीतीश कुमार ने कहा कि कच्ची दरगाह के पास गंगा पर छह लेन का पुल बनाना है. राज्य सरकार ने सब कुछ कर लिया. एडीबी से लोन की भी बात हो गयी. अब वे (केंद्र) कह रहे हैं कि पुल का काम हमें दे दें, हम बनवा देंगे. इसमें फिर से प्रक्रिया शुरू होगी व पांच साल लगेंगे. दीघा पुल के लिए केंद्र कह रहा है कि इतना समय क्यों लगा? अरे, यह सवाल पिछली सरकार से पूछना चाहिए था. एक साल में केंद्र ने तो कोई योजना नहीं ली व जो पुरानी योजनाएं हैं, उन्हें भी पूरा नहीं कर पायी है. बिहार सरकार ने एनएच बनाने में 967 करोड़ खर्च किये थे. माना कि यूपीए सरकार ने वह राशि नहीं दी, तो जिनके साथ मिल कर हमने राशि खर्च की थी, उनकी सरकार अब केंद्र में है, तो वे ही क्यों नहीं दे रहे हैं.

सड़कों का हाल जानने के लिए बने कॉल सेंटर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सड़कों का उद्घाटन हुआ या काम हो रहा है, अगर उसका मेंटेनेंस नहीं हुआ, तो वे सड़कें उखड़ती चली जायेंगी. इसलिए ग्रामीण कार्य विभाग इसके लिए कॉल सेंटर की स्थापना करे और उसके नंबर को प्रचारित करे. इससे गांव की सड़कों की स्थिति को आसानी से जाना जा सकेगा और उन्हें दुरुस्त करने में दिक्कत नहीं होगी. इसके बाद जब उनकी मरम्मत होगी, तो फील्ड ऑफिसर की सूचना से उसे वेरीफाइ की जा सकेगी कि सड़कें बनीं भी कि नहीं. इससे लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और पारदर्शिता आयेगी.

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