पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि कोष आबंटित किए बिना ही बस लोगों से किए गए अपने वादों के आधार पर मोदी सरकार अपना एक साल मना रही है. कुमार ने मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर जश्न मनाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार के इस एक साल में नया कुछ भी नहीं हुआ.’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बिहार के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने कहा कि पटना में कच्ची दरगाह पर गंगा पर छह लेन वाले पुल के निर्माण के लिए तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. लेकिन वादे के अनुरुप कोष उपलब्ध कराने के बजाय केंद्र अब परियोजना उसके हवाले करने की बात कह रही है.
कुमार ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इसी तरह गंगा पर गांधी सेतु के लिए सिर्फ वादे ही किए गए हैं जबकि यह उत्तर बिहार के लिए जीवन रेखा माना जाता है. उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों की तारीफ करने के लिए बिहार में घूम रहे केंद्रीय मंत्रियों पर चुटकी लेते हुए सवाल किया, ‘‘बिहार में यह चुनावी वर्ष है और अनेक वादे किए जाएंगे. लेकिन सडक के लिए कोष कहां है?’’ कुमार ने कहा, ‘‘केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना, मनरेगा जारी रहेगी या नहीं.’’
ग्रामीण निर्माण मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत ग्रामीण सडकों के निर्माण के लिए 11,000 करोड रुपये की रकम चाहिए. ग्रामीण निर्माण मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन, कोष की अनुपलब्धता के चलते सडकों की स्थिति दयनीय होती जा रही है.’’ उन्होंने कहा कि उनका विभाग इसपर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहा है, लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला.