नारी सशक्तीकरण से ही समाज मजबूत होगा. नारी में इतनी बड़ी शक्ति है, उनमें जो ऊर्जा है, उसका समाज और राज्य के विकास के लिए उपयोग होना चाहिए. जब तक समाज में नर-नारी की समानता नहीं होगी, तब तक समाज का विकास संभव नहीं है. अवसरों तक महिलाओं की पहुंच बनाने के लिए शिक्षा, रोजगार, सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही ‘बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति, 2015’ लायी गयी है. यह सिर्फ नीति नहीं रहेगी, बल्कि इसकी कार्ययोजना भी तैयार होगी और एक महीने में इसकी घोषणा की जायेगी. छात्रओं व महिलाओं से जुड़े हर विभाग अपने-अपने स्तर पर अन्य योजनाएं तैयार करेंगे.
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सीएम ने बिहार दिवस को महिलाओं को किया समर्पित, कहा बेटियां सशक्त होंगी तो होगा पूर्ण विकास
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस के मुख्य समारोह का उद्घाटन किया. ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के थीम पर तीन दिनों (22-24 मार्च) तक चलनेवाले इस समारोह पर उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति, 2015’ का एलान भी किया. मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटना के गांधी मैदान में बिहार दिवस के मुख्य समारोह का उद्घाटन किया. ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के थीम पर तीन दिनों (22-24 मार्च) तक चलनेवाले इस समारोह पर उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति, 2015’ का एलान भी किया. मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस को महिलाओं को समर्पित करते हुए कहा कि बिहार के विकास की सच्ची तसवीर साइकिल चलाती हुई लड़कियां बयां करती हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण नीति की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर हर छह महीने में होगी. मानव विकास मिशन के तहत भी काम होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ नीति न रहे, इसका लाभ सभी को मिले. बिहार के विकास में महिला की भी भागीदारी हो. नारी सशक्तीकरण के लिए बिहार में पहले से ही काम हो रहा है. स्कूली छात्रओं को पोशाक, साइकिल दी जा रही है. पंचायत के बाद नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया. ऐसा करनेवाला बिहार पहला राज्य बना. इतना ही नहीं, शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, महिला सिपाही व सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति में 35 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. समारोह में शिक्षा मंत्री पीके शाही, वित्त मंत्री विजेंद्र यादव, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री श्याम रजक समेत अन्य लोग मौजूद थे.
सरकार ने महिलाओं के संपूर्ण विकास के लिए आठ सूत्री नीति तय की है
लैंगिक विश्लेषण और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के लिए क्षमता वर्धन किया जायेगा. सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की भी क्षमता बढ़ायी जायेगी.
विकास की प्रक्रिया में महिलाओं की सार्थक सहभागिता और स्वामित्व को सुदृढ़ कर नीति निर्णय संरचनाओं और सभी क्षेत्रों की समितियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को उत्साहित किया जायेगा.
महिला सशक्तीकरण तंत्र की क्षमता को मजबूत किया जायेगा. लैंगिक और महिला सशक्तीकरण तंत्र की क्षमता को सुदृढ़ किया जायेगा.
महिला सशक्तीकरण के लिए जेंडर बजट के माध्यम से पर्याप्त संसाधन और लोक व्यय के आवंटन का पक्षधर बनेगा.
एडवोकेसी- लैंगिक समानता के मुद्दों और सशक्तीकरण नीति के कार्यान्वयन के लिए सभी स्तर पर सामाजिक बदलाव के लिए लामबंदी करना सरकार की प्राथमिकता होगी.
महिला और लैंगिक हिंसा के प्रति संवेदनशीलता और लोक शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकार के उल्लंघन के कारणों और परिणामों पर जागरूकता पैदा किया जायेगा.
लैंगिक संवेदी विधान के हिमायत पर विशेष बल देना.
लैंगिक समानता और महिलाओं और बालिकाओं के लिए सशक्तीकरण के लिए विकास साङोदारों, सिविल सोसाइटी संगठनों, मीडिया और सामुदायिक नेतृत्व के साथ समन्वय को मजबूत किया जायेगा.
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