– तापमान में उतार – चढ़ाव से बढ़ी परेशानी – बदलते मौसम में धूप नहीं लेने के चलते अचानक बढ़े ब्रेन हेमरेज के मरीज – भर्ती होने वाले मरीजों में पुरानी बीमारियों के मरीज सर्वाधिक – अब 35 से 40 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे संवाददाता, पटना तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है. बच्चे सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित हो रहे हैं तो वयस्क व बुजुर्ग को ब्रेन हेमरेज और सांस संबंधी समस्या हो रही है. पटना के पीएमसीएच और आइजीआइएमएस अस्पताल में ही ब्रेन हेमरेज के 36 मरीज भर्ती हैं. इनमें 28 मरीज आइजीआइएमएस में तो 8 मरीज पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती हैं. जबकि बीते एक सप्ताह के अंदर गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वाले चार मरीजों की मौत हो गई. हालांकि चिकित्सकों के अनुसार भर्ती होने वाले अधिकांश मरीज ऐसे हैं जिनको पहले से कुछ न कुछ पुरानी बीमारी है. वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि बदलते मौसम में तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण ब्रेन हेमरेज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले यह समस्या 50-55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब 35 से 40 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने चिंता जताई कि कई मरीज समय पर उपचार नहीं करा रहे हैं और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर घरेलू इलाज में समय गंवा देते हैं, इससे स्थिति और गंभीर हो जाती है. बदलते मौसम में धूप नहीं लेने से हुई परेशानी इलाज कर रहे डॉक्टर लगातार मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि बदलते मौसम के चलते धूप नहीं निकल रहे हैं और घरों में ही कैद हो रहे हैं. इस मौसम में धमनियां सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने लगता है. इसलिए खून का थक्का जमने से ब्रेन हेमरेज व हृदय घात होने की आशंका बढ़ जाती है. यह बीमारी बुजुर्गों में ज्यादा होती है. लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इससे पीड़ित हो रहे हैं. वहीं पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि हाल के दिनों में ब्रेन हेमरेज के मामलों में वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा कि तेज सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, दृष्टि संबंधी परेशानी या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है. ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल पहुंचने की आवश्यकता है ताकि समय रहते उपचार हो सके. कहा कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने और नियमित जांच कराने की सलाह दी है. साथ ही बदलते मौसम में खुद को हाइड्रेट रखने, संतुलित आहार लेने और तनाव से बचने की अपील की है. यह रखें सावधानी -ज्यादा वजन है तो कम करें -तैलीय भोजन नहीं खाएं -नमक की मात्रा पांच ग्राम से भी कम खाएं – बीपी के मरीज डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खाएं
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