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पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में 21 मुद्दों पर हुई चर्चा, बोले अमित शाह- उदारवादी सोच से सुलझेंगे मामले

अमित शाह ने रविवार को राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यों को राजनीतिक मतभेद भुला कर उदारवादी तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करने की सलाह दी. तीन घंटे तक चली इस बैठक में कुल 21 मुद्दों पर चर्चा हुई.

पटना. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यों को राजनीतिक मतभेद भुला कर उदारवादी तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करने की सलाह दी. तीन घंटे तक चली इस बैठक में कुल 21 मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें खनन, कुछ मदों में केंद्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं स्थानांतरण, जल बंटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम का कार्यान्वयन, राज्य पुनर्गठन से संबंधित मुद्दे तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के विषय शामिल रहे. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, पश्चिम बंगाल की वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, ओडिसा के वित्त मंत्री प्रदीप कुमार आम्त व गृह राज्यमंत्री तुषार कांति बेहरा के अलावा अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दे क्षेत्रीय परिषद के एजेंडे में किये गये शामिल

केंद्रीय गृह मंत्री ने बैठक में कहा कि राष्ट्रीय महत्व के अनेक मुद्दों को भी क्षेत्रीय परिषद की बैठकों के एजेंडे में शामिल किया गया है. इनमें पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के पांच किमी के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा, देश में दो लाख नयी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की स्थापना और देश के सभी मौजूदा पैक्सों को मजबूत करना शामिल है. इन विषयों पर मुख्यमंत्री, मंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर हर तीन महीने पर समीक्षा किये जाने की जरूरत है.

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सभी राज्यों ने गुड प्रैक्टिसेस को लेकर दिया प्रजेंटेशन

गृह मंत्री ने कहा कि बैठक में चारों राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िसा ने गुड प्रैक्टिसेस को लेकर अच्छा प्रजेंटेशन दिया. इन गुड प्रैक्टिसेस से अन्य राज्यों को भी सकारात्मक कदम उठाने की प्रेरणा मिलेगी. बैठक में बताया गया कि हाजीपुर-सुगौली नयी रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है. साथ ही, पश्चिम बंगाल के नबद्वीपघाट-नवद्वीपधाम नयी रेल परियोजना (15 किमी) के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है. इसके अलावा, कृष्णानगर-नबद्वीपघाट गेज परिवर्तन (12.2 किमी) के पूर्ण खंड यानी कृष्णानगर-अमघाटा (8.30 किमी) का काम चालू हो गया है.

स्थायी समिति के 48 मुद्दों में से 28 का हुआ निबटारा

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की भूमिका सलाहकारी होती है, लेकिन गृह मंत्री के तौर पर साढ़े चार साल के अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि परिषद और इसकी स्थायी समिति की बैठकों को महत्व देकर हमने अनेक मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. 17 जून 2023 को हुई स्थायी समिति की 13वीं बैठक में कुल 48 मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें से कुल 28 मुद्दों का निपटारा सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों तथा केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद आपसी सहमति से हुआ है. क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1157 मुद्दों को सुलझाया गया है.

नरेंद्र मोदी सरकार में बढ़ी क्षेत्रीय परिषद की बैठकें

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. 2004 से मई 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की बैठकों की कुल संख्या मात्र 25 थी. लेकिन जून 2014 से अब तक पिछले नौ वर्षों में कोविड-19 महामारी के बावजूद क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की कुल 56 बैठकें हुई. हर साल औसतन 6.2 बैठकें आयोजित हुई. इस वर्ष अभी तक कुल 9 बैठकें हुई हैं, जिसमें क्षेत्रीय परिषदों की चार और स्थायी समितियों की पांच बैठकें शामिल हैं.

पूर्वी क्षेत्र ने समग्र देश के औद्योगिक विकास की रखी नींव

शाह ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र देश की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ ही प्राचीन काल से आज तक अनेक प्रमुख शिक्षण संस्थानों का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में ढेर सारे प्रयोग हुए और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूर्वी क्षेत्र के बच्चे ही सबसे ज्यादा सफल होते हैं. गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पूर्वी क्षेत्र ने समग्र देश के औद्योगिक विकास की नींव रखी है. आजादी से पहले और बाद इस क्षेत्र के अनेक राष्ट्र भक्तों ने देश के पुनर्विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह क्षेत्र खनिज संपदा और पानी से संपन्न है और बिहार, ओडिसा, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों ने पूरे देश की जरूरतों के लिए लगभग सभी खनिज संसाधन उपलब्ध कराये हैं.

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