Bihar News: बिक्रमगंज प्रखंड के नोनहर गांव में निर्मित अमृत सरोवर ने रविवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई. मंथन लाइब्रेरी नोनहर की ओर से आयोजित मैट्रिक प्री महापरीक्षा में 600 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.
यह परीक्षा 2025 में मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी और आत्ममूल्यांकन का अवसर देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. प्राकृतिक, शांत और अनुशासित वातावरण में आयोजित यह आयोजन ग्रामीण शिक्षा के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभरा.
गांव से जिले तक पहुंची परीक्षा की गूंज
इस प्री महापरीक्षा में सिर्फ नोनहर या बिक्रमगंज ही नहीं, बल्कि आसपास के कई प्रखंडों और रोहतास समेत अन्य जिलों से भी छात्र-छात्राएं पहुंचे. अमृत सरोवर के घाट पर बैठकर परीक्षा देते विद्यार्थियों का दृश्य यह दिखाता है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा को लेकर गंभीरता और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ रही हैं.
परीक्षा के बाद आयोजित सम्मान समारोह ने विद्यार्थियों के उत्साह को और मजबूत किया. बालिका और बालक वर्ग के टॉप 10-10 अभ्यर्थियों को मंच पर सम्मानित किया गया. प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को साइकिल, द्वितीय स्थान पर रहे विद्यार्थियों को स्मार्ट घड़ी और तृतीय स्थान पाने वालों को स्टडी लैंप व शैक्षणिक सामग्री प्रदान की गई. चौथे से दसवें स्थान तक चयनित अभ्यर्थियों को मेडल, मोमेंटो और दीवार घड़ी देकर सम्मानित किया गया.
समाज अब शिक्षा में निवेश को तैयार
नोनहर पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि और पूर्व उपमुखिया जय प्रकाश प्रभाकर ने दोनों वर्गों के प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को एक-एक हजार रुपये का नकद पुरस्कार देकर यह संदेश दिया कि समाज अब शिक्षा को सबसे बड़ा निवेश मानने लगा है. कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों ने भी इस पहल को ग्रामीण भविष्य के लिए अहम बताया.
मुख्य अतिथि डीपीएस के निदेशक अखिलेश कुमार ने कहा कि प्री परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में भय पैदा करना नहीं, बल्कि आत्ममूल्यांकन कर आगे बेहतर करने की दिशा दिखाना है. उन्होंने टॉप थ्री विद्यार्थियों को डीपीएस से इंटर की पढ़ाई करने का प्रस्ताव भी दिया. विशिष्ट अतिथि प्रदीप कुमार सिंह और नोनहर पंचायत की मुखिया आभा कुमारी ने कहा कि अमृत सरोवर जैसे सार्वजनिक स्थलों का शिक्षा के लिए उपयोग होना समाज के लिए शुभ संकेत है, खासकर तब जब बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ने को तैयार हैं.
युवाओं की भागीदारी से बना अनुकरणीय उदाहरण
इस आयोजन को सफल बनाने में मंथन लाइब्रेरी के संचालक संजय कुशवाहा और स्थानीय युवाओं की सक्रिय भूमिका रही. यह आयोजन साबित करता है कि अगर सामूहिक प्रयास हो, तो गांव भी शिक्षा के नवाचार का केंद्र बन सकता है.
Also Read: UPSC टॉपर श्रुति शर्मा की मार्कशीट, लिखित परीक्षा में 932 मार्क्स

