विभाग की कार्रवाई के बाद उग्र हुए विभिन्न शिक्षक संगठन
पटना : बिना स्पष्टीकरण पूछे पटना जिले के दो शिक्षकों मध्य विद्यालय नुरूद्दीनगंज, मालसलामी विज्ञान के शिक्षक मनोज कुमार व प्राथमिक विद्यालय चकारम के सहायक शिक्षक मो मुस्तफा आजाद को बर्खास्त किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. इस कार्रवाई की बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने घोर निंदा की है.
मंगलवार को हड़ताल के दूसरे दिन देर शाम बैठक कर शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने शिक्षा विभाग के साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि सरकार को हठधर्मिता त्याग कर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से तुरंत वार्ता कर समस्या का निदान करना चाहिए.
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक भी शिक्षक पर कोई कार्रवाई हुई तो, बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति चुप नहीं बैठेगा. आंदोलन उग्र होगा. कार्रवाई के विरोध में कई शिक्षक और कई संघ और खड़े हो गये हैं. अगर 24 घंटे के अंदर जारी पत्र रद्द नहीं हुआ तो सभी जिला शिक्षा ऑफिस में शिक्षक धरने पर बैठ जायेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने राज्य के शिक्षकों से अपील की कि शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल पर रहें और एकजुटता बनाये रखें. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के प्रदीप कुमार पप्पू, आनंद कौशल सिंह, पूरण कुमार, मार्केण्डेय पाठक, केशव कुमार, राकेश कुमार, शिवेंद्र पाठक, बंशीधर ब्रजवासी, राजू सिंह, प्रदीप राय बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार व डॉ कृतंज्य चौधरी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि बिहार में शिक्षकों का हड़ताल सफल है. सरकार को न तो राष्ट्र निर्माता शिक्षकों की चिंता है और न ही बच्चों के भविष्य की चिंता है.
66 हजार विद्यालयों में लटके रहे ताले
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. बिहार राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के 66 हजार विद्यालयों में ताले लटके रहे. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति नियोजित शिक्षकों को समान वेतनमान, सेवा शर्त, सरकारी कर्मी का दर्जा, अनुकंपा का लाभ देने, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
पटना के 23 प्रखंडों में आज निकाला जायेगा आक्रोश मार्च
पटना : बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति, पटना जिला इकाई संयोजक प्रेमचंद्र ने शिक्षकों की बर्खास्तगी का विरोध किया है. प्रेमचंद्र ने कहा 17 फरवरी को कारण बताओ नोटिस और उसी दिन बर्खास्तगी से पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी घिर गये हैं. शिक्षकों पर कार्रवाई का विरोध शिक्षक संघ करेगा और पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी का घेराव करेगा. इस संबंध में ज्ञापन सौंप दिया गया है.
अगर पत्र निरस्त नहीं हुआ, तो शिक्षक 20 फरवरी से डीइओ कार्यालय का तब तक घेराव करेंगे, जब तक की बर्खास्तगी का पत्र वापस नहीं लिया जाता है. 19 को पटना जिले के सभी 23 प्रखंड मुख्यालयों पर शिक्षकों के विरुद्ध की जा रही दमनात्मक कार्रवाई के विरुद्ध आक्रोश मार्च निकाला जायेगा.
प्रेमचंद्र ने कहा कि देर शाम जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय अपनी बातें रखीं, लेकिन उन्होंने बातों को सुनने तक से इन्कार कर दिया. शिक्षकों से साथ धक्का-मुक्की भी की. जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ भी जांच चल रही है. इन्हें भी बर्खास्त किया जाये.
बर्खास्तगी के पत्र की अविलंब हो वापसी : मार्कंडेय
पटना : टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक ने शिक्षकों की बर्खास्तगी की कड़ी निंदा की है. पाठक ने कहा कि विभाग के धमकी भरे फरमान से शिक्षक डरनेवाले नहीं हैं. समानता के संवैधानिक हकों के लिए लड़ रहे शिक्षक हड़ताल पर डटे हुए हैं. पटना जिले में शिक्षकों की बर्खास्तगी का पत्र विभाग अविलंब वापस ले, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा.
तानाशाही कार्रवाई का विरोध करेगा अराजपत्रित कर्मचारी संघ : बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट भी शिक्षकों के साथ खड़ा हो गया है. महासंघ ने सरकार के दमनात्मक आदेश का विरोध किया है. महासंघ के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर बिहार के तमाम प्राथमिक शिक्षक हड़ताल पर हैं. हड़ताल सफल है. सरकार कमी को छिपा रही है.
महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने किया समर्थन
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के मीडिया प्रभारी प्रो अरुण गौतम ने शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल औऱ उनकी मांगों का समर्थन किया है. प्रो गौतम ने राज्य सरकार, शिक्षा मंत्री और विभागीय पदाधिकारियों से मांग की है कि शिक्षक नेताओं से वार्ता कर समस्या का समाधान निकाला जाये.