पटना : राज्य में पिछले पांच सालों में मादक पदार्थों की तस्करी व इसके प्रयोग में छह गुना की बढ़ोतरी हुई है. इस पर नकेल कसने के लिए राज्य में पहली बार एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन होने जा रहा है. इसके गठन की कवायद शुरू हो गयी है. एक सप्ताह में इसे गठित कर इसके स्वरूप को अंतिम रूप दे दिया जायेगा. इसमें मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए काम करने वाली सभी केंद्रीय व राज्य एजेंसियों को मिलाकर समेकित रूप से एक टीम तैयार होगी.
राज्य स्तर पर इस टास्क फोर्स के समुचित क्रियान्वयन व मॉनीटरिंग के लिए इओयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है. इसमें केंद्र की नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआइ समेत अन्य सभी एजेंसियों को जोड़ा गया है. बिहार पुलिस, रेलवे पुलिस फोर्स, एसटीएफ, एक्साइज समेत राज्य स्तरीय अन्य एजेंसियों को भी समाहित किया गया है.
इसके अलावा राज्य स्तर पर मुख्य सचिव (सीएस) की अध्यक्षता में मादक पदार्थों से जुड़े मामले की समुचित मॉनीटरिंग करने के लिए एक राज्य राज्यस्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया है. इसका नाम ‘नारकोटिक को-ऑर्डिनेशन कमेटी’ रखा गया है. इस एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स में सभी स्तर के 25 से 30 पदाधिकारी शामिल किये जायेंगे. इसकी जिम्मेदारी इओयू की होगी.
यह काम करेगा यह टास्क फोर्स : इस टास्क फोर्स का मुख्य काम मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम करना और इसमें शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी करनी होगी. साथ ही राज्य के अंदर और बाहर के इससे जुड़े सभी नेटवर्क पर भी नकेल कसने के लिए यह बेहद प्रभावी तरीके से काम करेगा. खुफिया जानकारी एकत्र करने से लेकर कार्रवाई करने की पूरी जवाबदेही इसकी होगी.