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बिहार में 2005 के बाद एक भी बहाली रुपये और पैरवी पर नहीं हुई : सुशील मोदी
नवनियुक्त 889 वनरक्षियों का उन्मुखीकरण प्रशिक्षण पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि राज्य में 2005 के बाद एक भी सरकारी नियुक्ति पैसे और पैरवी के आधार पर नहीं हुई. जबकि, लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान बीपीएससी की परीक्षा में धांधली के आरोप में तीन चेयरमैनों को जेल जाना पड़ा. अब बीपीएससी […]
नवनियुक्त 889 वनरक्षियों का उन्मुखीकरण प्रशिक्षण
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि राज्य में 2005 के बाद एक भी सरकारी नियुक्ति पैसे और पैरवी के आधार पर नहीं हुई. जबकि, लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान बीपीएससी की परीक्षा में धांधली के आरोप में तीन चेयरमैनों को जेल जाना पड़ा. अब बीपीएससी का सत्र नियमित हो चुका है.
अगले छह महीने में बिहार कर्मचारी चयन आयोग का सत्र नियमित किया जायेगा. गुरुवार को ज्ञान भवन में नवनियुक्त 889 वनरक्षियों के उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी वनरक्षियों को मोबाइल फोन उपलब्ध करवाने का विभाग को निर्देश दिया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वनरक्षियों की परीक्षा, परिणाम व चयन रिकॉर्ड समय में कदाचारमुक्त हुआ है. 902 वनरक्षियों की रिक्तियों के विरुद्ध 848 ने योगदान किया है. इसमें पहली बार एक तिहाई महिलाओं की नियुक्ति की गयी.
साथ ही 40 दिव्यांगजनों का भी चयन हुआ. इनका पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ है. वनरक्षियों को छह महीने का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए 50 वनरक्षियों का पहला बैच कानपुर एसएफटीआइ भेजा गया है. 200 वनरक्षी 15 फरवरी को मध्यप्रदेश भेजे जायेंगे. पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, नाथनगर में 200 और महिला वनरक्षी डुमरांव के पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में फरवरी में भेजे जायेंगे.
आठ महीने में जंगल में आग के 2750 अलर्ट
वनरक्षियों के लिए मोबाइल जरूरी
2019 की फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट का जिक्र कर उन्होंने कहा कि बिहार में नवंबर 2018 से जून, 2019 तक जंगल में आग के 2750 अलर्ट प्राप्त हुए. ऐसे अलर्ट और समय पर कार्रवाई के लिए वनरक्षियों को मोबाइल जरूरी है. इसके माध्यम से वनरक्षियों पर सर्विलांस के माध्यम से निगरानी भी रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान में जंगल के अंदर पौधारोपण और चैक डैम बनाने में वनरक्षियों की भूमिका होगी.
889 वनरक्षियाें के उन्मुखी कार्यक्रम को किया संबोधित
ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवंजलवायु परिवर्तन विभाग के पीसीसीएफमुख्यालय एके पांडे, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता, कैंपा के एपीसीसीएफ राकेश कुमार, इकोलोजी डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे.
वृक्ष संवर्धन विज्ञानी बदल सकेंगे एलाइनमेंट
राज्य में भवन, सड़क व पुल-पुलियों के निर्माण के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी जद में आने वाले पेड़ों को कटने से बचाने के लिए प्रत्येक परियोजना में वृक्ष संवर्धन विज्ञानी को नियुक्त किया जायेगा. निर्माण से पहले पेड़ों की संख्या, आकार, प्रकार आदि की इनवेंटरी तैयार कर डिजाइन व एलाइनमेंट तय होगा. शेष पेड़ों को जड़ सहित निकालकर खाली जगहों पर लगाया जायेगा. 2019-20 में वनों के विकास पर करीब 641 करोड़ खर्च होंगे.
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