पटना : ज्ञानभवन में आयोजित नवनियुक्त वनरक्षियों के उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-2020 में वन विभाग का बजट 501 करोड़ है. इसके अतिरिक्त कैंपा फंड का 140 करोड़ भी इस वर्ष खर्च किया जायेगा. बिहार में पहली बार वनरक्षियों के पद पर एक तिहाई महिलाएं नियुक्त की गयी हैं. साथ ही 40 दिव्यांगजनों का भी चयन हुआ है.
सुशील मोदी ने कहा कि वनरक्षियों की परीक्षा, परिणाम व चयन रिकार्ड समय में हुआ है. यह परीक्षा कदाचार, आरोप एवं कोर्ट के चक्कर से भी मुक्त रहा है, जबकि बिहार में एक दौर वह भी था जब नियुक्तियों के गड़बड़ी के आरोप में बीपीएससी के तीन-तीन अध्यक्षों को जेल जाना पड़ा था. 902 वनरक्षियों की रिक्तियों के विरुद्ध 879 का चयन हुआ जिसमें 848 वनरक्षियों ने योगदान किया है. नवनियुक्त वनरक्षी जंगल, जीव-जंतु व वन्य क्षेत्र की जनजातियों के प्रति ममत्व का भाव रखें, तभी निष्ठापूर्वक अपनेकर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि भवन, सड़क व पुल-पुलियों के निर्माण की जद में आने वाले पेड़ों को कटने से बचाने हेतु प्रत्येक निर्माण परियोजना में वृक्ष संवर्धन विज्ञानी को नियुक्त किया जाएगा जो पेड़ों की इनवेंटरी तैयार कर डिजाइन व एलाइनमेंट को परिवर्तित करने का सुझाव देंगे. काटने के बजाय पेड़ों को रिलोकेटेड किया जाएगा. निर्माण परियोजना में ग्रीन कम्पोनेंट फंड की भी व्यवस्था रहेगी जिससे सड़क व निर्माण स्थलों पर पौधारोपण, देखभाल तथा संरक्षण हो सकेगा.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 3 वर्षों में 24,524 करोड़ की लागत से तालाब, पोखर, आहर, पईन व कुंए आदि जलश्रोतों का जीर्णोद्धार कर रही है. 1.32 लाख तालाब व 3 लाख कुओं को सेटेलाइट मैपिंग से चिन्हित किया गया है. अगले तीन साल में 50 हजार हेक्टेयर में चेक डैम का निर्माण व 8 करोड़ पौधरोपण किया जायेगा. 9 अगस्त 2020 को बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर एक दिन में 2.51 करोड़ पौधरोपण किया जायेगा. इसके लिए 15 करोड़ पौधे नर्सरियों में तैयार किया जा रहा है. साथ ही पौधरोपण में 3 फीट से उंचे पौधे का उपयोग किया जायेगा.