पटना : मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज को लेकर बिहार में सियासी हलचल बढ़ जाती है. आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी, लोजपा समेत विभिन्न दलों के नेता दही-चूड़ा के बहाने एकता का संदेश देने के साथ-साथ सियासी समीकरण को साधने की कोशिश भी करते हैं. हालांकि, इस साल बीजेपी और आरजेडी की ओर से दही-चूड़ा भोज का आयोजन नहीं किया जा रहा है.
वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से आयोजित होनेवाले दही-चूड़ा भोज को रद्द कर दिया गया है. रामविलास पासवान के भाई व समस्तीपुर से सांसद रहे रामचंद्र पासवान के निधन के कारण इस साल दही-चूड़ा भोज का आयोजन नहीं किया जा रहा है. लोजपा नेता चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा है कि ‘लोक जनशक्ति पार्टी हर वर्ष दही-चूड़ा का आयोजन करती आयी है, लेकिन पिछले वर्ष आदरणीय स्वर्गीय रामचंद्र चाचा जी के दुखद निधन के कारण इस वर्ष दही-चूड़ा का आयोजन नहीं किया जा रहा है.’
लोक जनशक्ति पार्टी हर वर्ष दही चूड़ा का आयोजन करती आई है लेकिन पिछले वर्ष आदरणीय स्वर्गीय रामचंद्र चाचा जी के दुखद निधन के कारण इस वर्ष दही चूड़ा का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) January 12, 2020
जेल में ही लालू प्रसाद यादव की मनेगी मकर संक्रांति
पर्व-त्योहारों को खास अंदाज में मनाने के लिए चर्चित रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव इस साल भी जेल में ही मकर संक्रांति मनायेंगे. लालू प्रसाद यादव लगातार तीसरे साल रांची के रिम्स में दही-चूड़ा खाकर मकर संक्रांति मनायेंगे. हालांकि, किडनी, ब्लड शूगर और रक्तचाप से जूझ रहे लालू प्रसाद यादव की सेहत को देखते हुए ही सीमित मात्रा में चिकित्सक उन्हें दही-चूड़ा उपलब्ध करायेंगे. मालूम हो कि लालू प्रसाद यादव की सेहत के मद्देनजर चिकित्सकों ने खान-पान पर पाबंदियां लगा रखी हैं.
आरजेडी नहीं करेगा दही-चूड़ा भोज का आयोजन
इधर, राजधानी पटना स्थित राबड़ी आवास पर लालू प्रसाद यादव की गैर-हाजिरी में दही-चूड़ा के भोज का आयोजन नहीं किया जा रहा है. मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा के भोज के बहाने सियासी गलियारे में एकता का संदेश देनेवाले लालू प्रसाद यादव के नहीं रहने के कारण आवास पर सन्नाटा ही पसरा रहेगा.
जेडीयू ने दही-चूड़ा भोज का दिया खुला आमंत्रण, आरजेडी को भेजेगा निमंत्रण
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा भोज के लिए खुला आमंत्रण दिया है. जेडीयू के भोज में एनडीए सहित अन्य दिग्गज नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. वहीं, दही-चूड़ा भोज के बहाने एनडीए अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश करेगा. मालूम हो कि तीन तलाक, सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के बीच पिछले दिनों तीखी बयानबाजी भी देखने को मिली थी. हालांकि, बाद में सबकुछ सामान्य हो गया. इस साल जेडीयू के भोज को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि बीजेपी और आरजेडी की ओर से चूड़ा-दही भोज का आयोजन नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू की ओर से आरजेडी को दही-चूड़ा भोज के लिए निमंत्रण भेजा जायेगा.