पटना:
विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के पहले प्रत्याशियों को तीन अलग-अलग बार चुनावी खर्चे का हिसाब देना है. जांच की शुरुआत 24 अक्तुबर से पटना समाहरणालय में शुरु हो चुकी है. पहली बार में 24 अक्तूबर से 26 अक्तूबर तक 137 प्रत्याशियों ने खर्च का हिसाब दिया. इसमें 46 प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि से आते हैं. वहीं, 12 प्रत्याशी उपस्थित नहीं हुए. जबकि, दूसरा हिसाब 29 अक्तूबर से शुरु किया गया है. एक नवंबर तक दूसरा सत्यापन होगा. जबकि, तीसरा सत्यापन तीन से पांच नवंबर तक चलेगा. पटना समाहरणालय के तीसरे तल में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त व्यय प्रेक्षक द्वारा खर्च किए गए पाई-पाई का हिसाब-किताब मिलान कर रहे हैं.हर दिन 10 हजार रुपये तक के नकद भुगतान की अनुमति
लेखा-जांच के दौरान प्रत्याशियों या उनके अभिकर्ताओं के अनुपस्थिति पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. एक प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपये तक चुनावी खर्च कर सकता है. इसमें हर दिन महज दस हजार रुपये तक के नगद भुगतान की अनुमति है. हरेक खर्च के लिए पक्का बिल (जीएसटी) प्रस्तुत करना है, जबकि दो सौ रुपये तक के खर्च का भुगतान कच्चे बिल के माध्यम से दिखाया जा सकता है.दैनिक खर्च के लिए तीन अलग-अलग रंग के रजिस्टर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों को खर्च का ब्यौरा देने के लिए दैनिक व्यय रजिस्टर की व्यवस्था की है. पीला पन्ना में बैंक खाते से खर्च होने वाले लेखा-जोखा को लिखना है, जिसमें चेक नंबर और उसके भुगतान का उद्देश्य लिखा जाना है. वहीं, गुलाबी पन्ने में नकद लेन-देन का पूरा हिसाब देना है. प्रत्येक नकद भुगतान की रसीद और विवरण इस पन्ने पर दर्ज किया जाना है. जबकि रजिस्टर के उजला पन्ना पर दैनिक खर्चों का ब्यौरा देना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

