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पटना : नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तकारियों से 10 महीने में 8.35 अरब का राजस्व
पटना : नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तकारियों से राज्य सरकार को बढ़ी हुई समयावधि के 10 महीने में आठ अरब 35 करोड़ 59 लाख 68 हजार 556 रुपये राजस्व के रूप में मिलेगा. यह राशि पिछले साल के राजस्व के मुकाबले 50 फीसदी बढ़ोतरी के बाद होगी. पिछले साल से यह राशि करीब एक अरब […]
पटना : नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तकारियों से राज्य सरकार को बढ़ी हुई समयावधि के 10 महीने में आठ अरब 35 करोड़ 59 लाख 68 हजार 556 रुपये राजस्व के रूप में मिलेगा. यह राशि पिछले साल के राजस्व के मुकाबले 50 फीसदी बढ़ोतरी के बाद होगी. पिछले साल से यह राशि करीब एक अरब 67 करोड़ 11 लाख 93 हजार 711 रुपये बढ़ी होगी.
इस संबंध में हाल ही में राज्य कैबिनेट ने निर्णय दिया है. वहीं एक जनवरी से भी नदी घाटों से बालू खनन जारी रहने से निर्माण कार्यों में बालू की कमी नहीं होगी. बाजार में बालू की उपलब्धता से आमलोगों को आसानी से उचित दर पर बालू मिल सकेगा. सूत्रों का कहना है कि राज्य में वर्ष 2015 में नदी घाटों को 28 जिले की इकाइयों में बांटकर कुल 19 बंदोबस्तधारियों को अलग-अलग जिलों की बंदोबस्ती पांच साल के लिए दी गयी थी. उस समय सभी से राज्य सरकार को राजस्व के रूप में तीन अरब 22 करोड़ 28 लाख 53 हजार 301 रुपये मिले थे. प्रत्येक साल इस राशि में 20 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए कहा गया था. इस तरह नदी घाटों से बंदोबस्ती के रूप में करीब छह अरब 68 करोड़ 47 लाख 74 हजार 844 रुपये राजस्व के रूप में राज्य सरकार को प्राप्त हुए.
बढ़ेंगी इकाइयां
नयी बालू नीति के तहत बंदोबस्ती के इच्छुक लोगों या फर्म को अधिकतम दो बालू घाटों या दो सौ हेक्टेयर में से जो कम होगा उसकी बंदोबस्ती दी जायेगी. हालांकि, खान एवं भूतत्व विभाग ने करीब 330 नदी घाटों का माइनिंग प्लान तैयार कर पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकार सिया को भेज दिया है. इस नीति से नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और बालू व्यवसाय से एकाधिकार समाप्त होगा.
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