पटना : रेलवे की यूनियनों और फेडरेशनों को रेलवे द्वारा मिल रही सुविधाओं पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. इनका कार्यकाल अप्रैल 2019 में ही समाप्त हो चुका है और रेलवे बोर्ड अभी तक चुनाव नहीं करा पाया है.
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कार्यकाल अप्रैल में ही खत्म रेलवे बोर्ड चुनाव नहीं करा पाया
पटना : रेलवे की यूनियनों और फेडरेशनों को रेलवे द्वारा मिल रही सुविधाओं पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. इनका कार्यकाल अप्रैल 2019 में ही समाप्त हो चुका है और रेलवे बोर्ड अभी तक चुनाव नहीं करा पाया है. यूनियनों का पिछला चुनाव अप्रैल 2013 में हुआ था और उच्चतम न्यायालय के फैसले के […]
यूनियनों का पिछला चुनाव अप्रैल 2013 में हुआ था और उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक प्रत्येक छह वर्षों पर रेल यूनियनों का चुनाव कराना अनिवार्य है. ये बातें सोमवार को पटना जंक्शन पर इस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर यूनियन, ऑल इंडिया रेलवे ट्रैकमेनटेनर यूनियन और इस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस के द्वारा आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कही गयी.
इसमें इस्ट सेंट्रल मजदूर यूनियन के महामंत्री बीके सिंह ने कहा कि एक तरफ रेल प्रशासन द्वारा बार – बार कहा जा रहा है कि रेल की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, वहीं दूसरी तरफ चुनाव काल समाप्त होने के बाद भी इन यूनियनों और फेडरेशनों के पदाधिकारियों को मुफ्त प्रथम श्रेणी का कार्ड पास, विशेष छुट्टियां, बैठक आयोजित करने की सुविधा देकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है.
इस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष जफर अहसन ने कहा कि गुप्त मतदान में विलंब के कारण मान्यता प्राप्त यूनियनें आम कर्मचारियों पर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए भय का माहौल पैदा कर रही हैं.
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