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छठ पर्व पर जारी निर्देश में मुस्लिम समुदाय के बारे में की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष हमलावर

पटना : बिहार में मधेपुरा जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर जारी कियेगये निर्देश में मुस्लिम समुदाय के बारे में की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य सरकार की आलोचना की. मधेपुरा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से […]

पटना : बिहार में मधेपुरा जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर जारी कियेगये निर्देश में मुस्लिम समुदाय के बारे में की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य सरकार की आलोचना की. मधेपुरा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित 30 अक्टूबर को छठ पर्व के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर जारी कियेगये निर्देश में कहा गया कि छठ घाट तक व्रतियों के आने-जाने वाले मार्गों में पड़ने वाले मुहल्लों में, खासकर मुस्लिम मुहल्लों में नाली का पानी गिराये जाने के कारण तनाव उत्पन्न होता है. मुस्लिम समुदाय के शरारती तत्वों द्वारा छठ व्रतियों के परिजनों तथा उनके साथ की महिलाओं के साथ छेड़खानी किए जाने पर तनाव पैदा होता है.

निर्देश का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. तेजस्वी ने मधेपुरा जिला प्रशासन के वायरल हुए पत्र का फोटो ट्वीट करते हुए कहा, माननीय नीतीश कुमार जी, एनसीआरबी रिपोर्ट ने देश को बताया कि बिहार दंगों में अव्वल है. अब देखिए कुकर्मी सरकार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व पर कैसा विद्वेषपूर्ण व विघटनकारी आदेश दिया था. हर जात धर्म के लोग छठ पर्व मनाते हैं. लोक पर्व की आस्था, भावना व सामाजिक ताने बाने को खत्म न करिए.’

वहीं, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के मुख्यमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया, डीएम के रूप में, उनका काम अपने जिले में व्यवस्था और सामंजस्य बनाए रखना है. लेकिन, बिहार के मधेपुरा जिले के डीएम द्वारा जारी किया गया पत्र मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रहों से भरा हुआ है. जहानाबाद में प्रशासन के इसी तरह के पूर्वाग्रह के कारण दंगे हुए.” बिहार के जहानाबाद में पिछले महीने दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी, जबकि कई लोग घायल हो गये थे.

मधेपुरा के जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में इसका बचाव करते हुए कहा गया है कि यह खुफिया सूचनाओं के आधार पर एक गोपनीय पत्र था, जो लीक हो गया. हालांकि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अमीर सुभानी और पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने उक्त पत्र में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को अस्वीकृत करते हुए इसे तैयार करने वालों की "लापरवाही" बताया और आह्वान किया कि भविष्य में इस तरह के आदेश जारी किये जाने के समय ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किये जाएं.

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