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साल में दो बार होती है छठपूजा

छठ पूजा साल में दो बार मनायी जाती है. पहली पूजा चैत मास में और दूसरी कार्तिक में. षष्ठी देवी माता को कात्यायनी माता के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि के दिन हम षष्ठी माता की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे घर-परिवार में सुख व समृद्धि आती है. षष्ठी माता, […]

छठ पूजा साल में दो बार मनायी जाती है. पहली पूजा चैत मास में और दूसरी कार्तिक में. षष्ठी देवी माता को कात्यायनी माता के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि के दिन हम षष्ठी माता की पूजा करते हैं.
ऐसी मान्यता है कि इससे घर-परिवार में सुख व समृद्धि आती है. षष्ठी माता, सूर्यदेव और मां गंगा की पूजा का लोक जीवन में बड़ा महत्व है. पौराणिक कथाओं में षष्ठी माता की पूजा का बार-बार उल्लेख मिलता है. छठ, षष्ठी का ही अपभ्रंश है. इस पर्व की सर्वाधिक महत्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी की होती है. इसी वजह से इसका नाम छठ पड़ा.

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