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पटना : राजेंद्र नगर में अभी भी जलजमाव की स्थिति, लोगों में आक्रोश, मदद के लिए बच्ची ने दे दिये पॉकेट मनी

पटना : बिहार की राजधानी पटनाकेराजेंद्र नगर एवं पाटलिपुत्राकॉलोनी के कई इलाकों में अब भी जलजमाव की स्थितिबनी है.वहीं, पटना सिटीमें लोगों नेजलजमावकेखिलाफ सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगोंद्वारा करमलीचक के पास फोर लेन पर आगजनी कर आपत्ति दर्ज कराया है. उधर, बिहार के पटना समेत कई अन्य जिलों में आयी इस […]

पटना : बिहार की राजधानी पटनाकेराजेंद्र नगर एवं पाटलिपुत्राकॉलोनी के कई इलाकों में अब भी जलजमाव की स्थितिबनी है.वहीं, पटना सिटीमें लोगों नेजलजमावकेखिलाफ सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगोंद्वारा करमलीचक के पास फोर लेन पर आगजनी कर आपत्ति दर्ज कराया है. उधर, बिहार के पटना समेत कई अन्य जिलों में आयी इस विपदा में लोग पीड़ित परिवारों की अपने हिसाब से मदद कर रहे हैं. इसी कड़ी में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए समस्तीपुर से पटना पहुंची नौ साल की बच्ची सौम्या सिद्धि ने समाज के लिएएक नजीरपेश की है. इस बच्ची ने पटना में जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों की मदद के लिए अपनी गुल्लक को फोड़ दिया और उसमें जमा पैसे को लेकर पटना आ पहुंची.

इस बच्ची ने बाढ़ से घिरे लोगों की मदद के लिए 11 हजार रुपये दिये हैं. सिद्धि समस्तीपुर से चल कर पटना के लोगों की मदद करने के लिए पूर्व सांसद पप्पू यादव के पास पहुंची और उनको पैसे सौंपे. पप्पू यादव ने खुद इस बच्ची की फोटो को अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है और आभार जताया है. सौम्या सिद्धि समस्तीपुर की कुबौली राम गांव की रहने वाली है.

बिहार : मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हुई
बिहार में पिछले तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश के कारण बुधवार को भी जीवन अस्त-व्यस्त रहा. प्रदेश में भारी वर्षा के कारण मरने वालों की संख्या बढकर 73 हो गयी, जबकि 9 अन्य घायल हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्षा और वर्षा जनित कारणों तथा बाढ़ में डूबने के कारण 55 लोगों के मरने और नौ लोगों के घायल होने की सूचना मिली है.

27 सितंबर से 30 सितंबर तक राज्य में अप्रत्याशित वर्षा होने एवं नदियों के जल स्तर में वृद्धि होने से पटना, भोजपुर, भागलपुर, नवादा, नालन्दा, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद अरवल एवं दरभंगा जिले मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों में 92 प्रखंड के 505 पंचायत के 959 गांव की 21.45 लाख आबादी प्रभावित हुई है. बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ 45 राहत शिविर एवं 324 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. कुल 1,124 सरकारी एवं निजी नावों का संचालन किया जा रहा है.

इन जिलों में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. आबादी निष्क्रमन तथा राहत एवं बचाव कार्यों के निमित्त एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 23 टीमों को लगाया गया है. इसमें जिसमें गुवाहाटी से बुलाये गये एनडीआरएफ के अतिरिक्त 4 टीमें शामिल हैं.

पटनामें एनडीआरएफ की 6 व एसडीआरएफकी2टीमें तैनात
पटना शहर के जल-जमाव वाले क्षत्रों में स्थिति से निपटने के लिये एनडीआरएफ की 6 टीमों एवं एसडीआरएफ की 2 टीमों को 60 मोटरबोट के साथ लगाया गयाहै. जल-जमाव के कारण अपने घरों में फंसे हुए लागों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. अबतक कुल 69,752 आबादी को निष्क्रमित किया गया है. 361 मरीजों एवं 31 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है. पटना शहर के जल-जमाव वालं क्षेत्रों में प्रभावितों के बीच वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर से फूड पैकेट्स गिराये जाने का सिलसिला आज भी जारी रहा. फूड पैकेट में चुड़ा, गुड़, मोमबत्ती, दीया-सलाई, पानी का बोतल एवं आलू शामिल हैं. लगभग 7,500 फूड पैकेट गिराया गया है.

पटना जिला प्रशासन के द्वारा पेयजल, फूड पैकेट एवं दुग्ध का वितरण भी कराया जा रहा है तथा 02 स्थानों पर निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. पटना जिला प्रशासन द्वारा अबतक 13,450 पानी का बोतल, 15,000 दूध का पैकेट एवं 13,520 फूड पैकेट का वितरण किया जा चुका है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल-जमाव वाले क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था के लिए 20 चिकित्सा दलों को एम्बुलेंस एवं जीवन रक्षक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त किया गया है.

नीतीश ने जलजमाव को लेकर सवाल पूछने पर पत्रकारों की भाषा पर सवाल उठाया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलजमाव को लेकर मंगलवार की रात पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों की भाषा पर बुधवार को सवाल उठाते हुए कहा, ‘आप समाज को कहां ले जाना चाहते हैं.’ पटना के ज्ञानभवन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित "गांधी विचार समागम" को संबोधित करते हुए नीतीश पत्रकारों की भाषा को लेकर व्यंग्य किया और कहा, ‘‘गजब का हिसाब हो गया है, हमारे मीडिया वाले, हम सबको प्रणाम करते हैं. क्या क्या लैंगवेज (भाषा) है भाई.

इससे पहले मंगलवार रात पटना शहर के जलमग्न इलाकों में पैदल चलकर पानी निकासी का निरीक्षण करने का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा ‘एक कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां देखा कि भारी संख्या में (पत्रकार) पहुंचे हुए हैं. हम तो सबको पहचानते भी नहीं हैं. कहां कहां से भेज देता है. चिल्ला चिल्ला कर. इसका क्या लाभ होने वाला है. कहां ले जाना चाहते हैं समाज को. किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं. आपको कोई भ्रम है क्या? आपकी भाषा के प्रयोग करने से कुछ होता है क्या? कुछ नहीं होता है.’

उन्होंने कहा कि जनहित में और जनता के हित में जो काम किया जाता है हम उसके लिए पूरी तरह से समर्पित हैं. हम कोई प्रचार के लिए समर्पित नहीं हैं. जितनी मेरी आलोचना करनी हो, खूब मन से करिए लेकिन जरा भाई समाज का भी ख्याल रखिए. मंगलवार की रात जलजमाव को लेकर पत्रकारों के सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘ पूरी बात को समझिए और बिना समझे बिना मतलब की बात नहीं करनी चाहिए. प्रकृति के कारण ऐसी स्थिति आयी है.’

Prabhat Khabar Digital Desk
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