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पटना : ‘सबका विश्वास’ में सुलझायें मामले, 70% तक कर में छूट पायें

पटना : केंद्रीय उत्पाद कर और सेवाकर को जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के साथ विलय कर दिया गया. तब से करदाताओं की ओर से लगातार मांग होती रही कि पुराने कर व्यवस्था से जुड़े विवादित मामले, जो विभिन्न ट्रिब्यूनल में लंबित है, के निपटरा के लिए सरकार कोई समझौता स्कीम निकाले. इस मुद्दे को गंभीरता […]

पटना : केंद्रीय उत्पाद कर और सेवाकर को जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के साथ विलय कर दिया गया. तब से करदाताओं की ओर से लगातार मांग होती रही कि पुराने कर व्यवस्था से जुड़े विवादित मामले, जो विभिन्न ट्रिब्यूनल में लंबित है, के निपटरा के लिए सरकार कोई समझौता स्कीम निकाले. इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने एक मुश्त समझौता योजना जारी की है. इसे सबका विश्वास योजना नाम दिया गया है. यह योजना 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम लाल खेतान ने प्रभात खबर को बताया कि यह स्कीम एक सितंबर से शुरू हो चुका है. बिहार में 30 से अधिक मामले लंबित हैं.
उन्होंने बताया कि अपील के लंबित मामले में 50 लाख रुपये तक का बकाया होने पर शुल्क में 70 फीसदी की छूट दी जायेगी. वहीं, राशि 50 लाख रुपये से अधिक होने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी. खेतान ने बताया कि 30 जून 2019 तक के अन्वेषण और लेखापरीक्षा के अधीन मामलों में भी छूट मिलेगी. निर्धारित किये शुल्क मामले में बकाया राशि 50 लाख या उससे कम होने पर 60 फीसदी राशि की जबकि अन्य मामलों में 40 प्रतिशत राशि की छूट मिलेगी. इसके अलावा स्वैच्छिक मामलों में घोषणाकर्ता को घोषित किये गये शुल्क की पूरी राशि का भुगतान करना होगा.
वे मामले जिनमें करदाता केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 या वित्त अधिनियम, 1994 के तहत दोषी सिद्ध हुआ हो, इस स्कीम में शामिल नहीं हो सकते है.
साथ ही दोषपूर्ण रिफंड और निपटान आयोग के समक्ष लंबित मामले शामिल हैं. इस योजना के तहत ब्याज, पेनल्टी व जुर्माने की पूर्ण माफी है. खेतान ने बताया कि पूर्व में भुगतान किये जा चुके शुल्क के समायोजन की सुविधा है. साथ ही निपटान के लिए बकाया का भुगतान नकद में केवल इलेक्ट्रोनिक रूप से किया जायेगा. इसका लाभ बाद में इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में नहीं लिया जा सकेगा.

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