पटना : सर इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह के भाई है, छोड़ दीजिए न… तब ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने कहा-नहीं फाइन तो देना ही होगा. गलती भी और सीनाजोरी भी, यह नहीं चलेगा. एसडीओ, सांसद और मंत्री के रिश्तेदार फाइन देकर जाते हैं, आप तो इंस्पेक्टर साहब के भाई ही हैं. यह वाकया वोल्टास चौक के ट्रैफिक जोन के पास का है. जब एक बाइक चालक ने यू-टर्न का उल्लंघन किया और ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उसे रोका, तो बाइक के पीछे बैठे व्यक्ति से ये बातें हुईं. युवक ने इंस्पेक्टर से बात करने की बात कही, तब वहां तैनात पुलिस अवर निरीक्षक कार्तिक ठाकुर ने कहा कि इंस्पेक्टर साहब को बदनाम नहीं कीजिए. फाइन तो भरना होगा. आपके चक्कर में अपनी नौकरी खतरे में नहीं डाल सकता. फाइन दीजिए, नहीं तो थाना से छोड़ना पड़ेगा. इस तरह के कई मामले देखने को मिले. नियम का उल्लंघन करने पर हर बाइक चालक इसी तरह की गुहार करता नजर आया. देर शाम तक यहां एक दर्जन से अधिक बाइकों को फाइन किया गया.
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जब कटने लगा चालान तो बोला युवक- सर इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह के भाई हैं छोड़ दीजिए न…
पटना : सर इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह के भाई है, छोड़ दीजिए न… तब ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने कहा-नहीं फाइन तो देना ही होगा. गलती भी और सीनाजोरी भी, यह नहीं चलेगा. एसडीओ, सांसद और मंत्री के रिश्तेदार फाइन देकर जाते हैं, आप तो इंस्पेक्टर साहब के भाई ही हैं. यह वाकया वोल्टास चौक के ट्रैफिक जोन […]
जेब्रा कॉसिंग पर थी पुलिस की नजर
डाकबंगला चौराहा पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी काफी सजग दिखे. यहां तैनात महिला पुलिसकर्मी जेब्रा क्रासिंग पर नजर रखे थीं. लगभग डेढ़ बजे दो बाइक सवार युवकों ने जेब्रा क्रासिंग के बीच में बाइक खड़ी कर दी. ट्रैफिक कर्मी अजीत कुमार सिंह दोनों युवकों को पिकेट के पास ले आये. युवक कहता है कि मुझे मालूम नहीं था कि जेब्रा क्रासिंग पर चढ़ने पर फाइन लगता है. इस पर महिला पुलिस ने कहा कि अब फाइन लगेगा, तो नियम मालूम हो जायेगा. एक बाइक चालक से जेब्रा क्रॉसिंग और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर फाइन काटा गया.
चेकिंग नहीं, पर भय दिखा
सघन वाहन चेकिंग को सरकार के स्तर पर कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. लेकिन आम लोगों में चेकिंग का भय साफ दिखा. इसका मुख्य कारण जगह-जगह पर मुस्तैद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का रहना है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का कहना था कि अब लोग ट्रैफिक नियम का पालन कर रहे हैं. लोग फाइन से बचना चाह रहे हैं. यही स्थिति रही, तो सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी के पास नहीं है. चाहे पुलिस ही क्यों न हो.
यहां दिखी लापरवाही
जिस जगह (कारगिल चौक, गांधी मैदान) से आयुक्त ने शहर में सघन वाहन चेकिंग की शुरुआत की थी. वहां आज एक बजे एक भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी नहीं दिखे. लेकिन पुलिस पिकेट के एक महिला तथा एक पुरुष पुलिसकर्मी मोबाइल पर व्यस्त दिखे. इस बीच कई युवक बिना हेलमेट और लहरियाकट बाइक चालक बेफिक्र दिखे. यहां खड़े लोगों ने कहा-देखिए वाहन एक्ट का क्या तमाशा बना रखा है. पुलिस सख्ती करती है, तो लोग कहते हैं कि पुलिस परेशान कर रही है. यहां कानून का भय ही नहीं है.
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