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नये मोटर अधिनियम : सर निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर हैं, जाने दीजिए
पटना : नये मोटर अधिनियम के आने के बाद ट्रैफिक पुलिस सख्ती से अभियान चला रही है. शुक्रवार को भी कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी सक्रिय दिखे. प्रभात खबर संवाददाता ने इसका जायजा लिया. दोपहर करीब 12:45 मिनट पर हड़ताली चौक से होते हुए बोरिंग रोड की ओर एक एंबेसडर कार आती देख पुलिस उसके […]
पटना : नये मोटर अधिनियम के आने के बाद ट्रैफिक पुलिस सख्ती से अभियान चला रही है. शुक्रवार को भी कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी सक्रिय दिखे.
प्रभात खबर संवाददाता ने इसका जायजा लिया. दोपहर करीब 12:45 मिनट पर हड़ताली चौक से होते हुए बोरिंग रोड की ओर एक एंबेसडर कार आती देख पुलिस उसके चालक को गाड़ी रोकने को कहती है. चालक बिना सीट बेल्ट बांधे गाड़ी चला रहा था.
कार रुकते ही एक शख्स तेजी से निकल कर अधिकारी के पास पहुंचा. कहा-मैं निगरानी विभाग का इंस्पेक्टर हूं. मुझे जाने दीजिए. इतना बोल वह गाड़ी में बैठ जाता है. और पुलिस देखती ही रह जाती है. इस बीच कई विभागों की गाड़ियां गुजरती हैं, जिनके चालकों ने सीट बेल्ट नहीं बांध रखी थी.
स्कूटी पर सवार होकर गर्दनीबाग के संतोष कुमार अपनी पत्नी और बेटे को नामांकन दिलाने के लिए जाकिर हुसैन संस्थान जा रहे थे. इन्हें चेकिंग के दौरान पुलिस ने पकड़ लिया. और पुलिस ने ट्रिपल लोड का फाइन जमा करने को कहा, तो उन्होंने कहा कि मेरा पास नामांकन के अलावा एक भी पैसा नहीं है. देखते ही देखते कुछ लोग जुट गये. तभी एक नेता जी आते हैं और अधिकारी पर दबाव डाल कर छोड़ने का कहा. उसके कुछ देर बाद उसे पुलिस ने चेताते हुए छोड़ दिया.
यहां नहीं चली पैरवी : इसी बीच यहां से गुजरती एक कार को पुलिस रोकती है. ड्राइवर ने सीट बेल्ट नहीं बांध रखा था. पुलिस ने कहा-आपको एक हजार रुपये का फाइन देना होगा. तब गाड़ी मालिक कहता है कि कुछ लेकर मैनेज कर दीजिए. एसपी साहब मेरे परिचित हैं. इतने छोटे काम के लिए एसपी साहब को फोन करें, अच्छा नहीं लगता है. लेकिन, पुलिस अधिकारी कहते हैं कि माफ कीजिए, चालान जमा करना होगा. एक हजार निकालें और चालान कटा लें. कुछ देर सोचने के बाद वह व्यक्ति कहता है, अच्छा चालान काट दीजिए.
पटना वीमेंस कॉलेज की कई छात्राओं का चालान
डाकबंगला चौराहा पर पुलिस की तीन टीमें अलग-अलग छोर पर वाहनों की सघन जांच कर रही थी. जांच के दौरान पटना वीमेंस की कई छात्राएं बिना हेलमेट और बिना दस्तावेज के पकड़ी गयीं. इनसे फाइन वसूल कर छोड़ दिया गया.
कॉलेज से लौट रही एक छात्रा के पास हेलमेट था, लेकिन उसने उसे डिक्की में रखा था. वह स्कूटी बिना हेलमेट के चला रही थी. उसका चालान काटा गया. शिवम कुमार को ट्रिपल लोडिंग के लिए फाइन किया गया. उनके साथ बैठी एक महिला मित्र ने ट्रैफिक पुलिस से चिल्ला-चिल्ला कर छोड़ने का दबाव बनाया, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी. लगभग आधे घंटा तक पुलिस को तरह-तरह की दलील देती रही. पुलिस ने एक हजार का फाइन वसूल कर ही गाड़ी को छोड़ा.
डाकबंगला चौराहा पर ट्रैफिक पुलिस काफी सख्त दिखी. जेब्रा क्रॉसिंग पार करने वाले कई गाड़ियाें का चालान काटा गया. इस बीच कई वाहन मालिकों को कुछ समय दिया गया ताकि वे अपना दस्तावेज प्रस्तुत कर सकें.
सख्ती बहुत जरूरी है
सख्ती बहुत जरूरी है. यह कार्रवाई बहुत पहले शुरू होनी चाहिए थी. वाहन चलाते वक्त दस्तावेज साथ होने पर संकट के समय मददगार साबित होती है. दस्तावेज होने पर सीना तान कर अधिकारी के सामने खड़े हो सकते हैं, वरना पुलिस अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ेगा.
राजीव कुमार, कंकड़बाग
कार की प्रदूषण वैधता समाप्त होने वाली है. हर बार लगभग समय सीमा समाप्त होने के दो-चार दिन पहले करवाता था. लेकिन जगह-जगह वाहन चेकिंग को लेकर कुछ डर सा हो गया है. चूक न हो जाये इसके कारण एक सप्ताह पहले ही प्रदूषण चेक करवा रहा हूं.
राजेश अग्रवाल, बोरिंग रोड
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